हमारी सरकार बनी तो तेजस्वी सीएम और डिप्टी सीएम मैं नहीं बनूंगा तो कौन बनेगा: मुकेश सहनी हमारी सरकार बनी तो तेजस्वी सीएम और डिप्टी सीएम मैं नहीं बनूंगा तो कौन बनेगा: मुकेश सहनी Bihar Chhath Puja: चुनाव के बीच बिहार में छठ महापर्व की तैयारियां तेज, प्रमंडलीय आयुक्त ने पटना के घाटों का किया निरीक्षण Rich Politicians Bihar: बिहार के चुनावी रण में कई करोड़पति, राजनीति में पैसा और हैसियत बना सबसे बड़ा हथियार Chhath Puja 2025: प्रकृति, भक्ति और कृतज्ञता का संगम, जानें क्यों खास है सूर्य देव को दिया जाने वाला अर्घ्य? Bihar News: भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 3 लोग घायल, वाहन चालक फरार Bihar News: मां का पिंडदान करने गयाजी पहुंचे साउथ फिल्मों के एक्टर सुदीप संजीव, विष्णुपद मंदिर में भगवान का लिया आशीर्वाद Bihar News: मां का पिंडदान करने गयाजी पहुंचे साउथ फिल्मों के एक्टर सुदीप संजीव, विष्णुपद मंदिर में भगवान का लिया आशीर्वाद Bihar News: बिहार के इस तटबंध पर होगा पक्की सड़क का निर्माण, खर्च किए जाएंगे कुल ₹139 करोड़ अजब प्रेम की गजब कहानी: चाचा ने भतीजी से किया लव मैरेज, चार साल से चल रहा था अफेयर; रिश्तों की मर्यादा हुई तार-तार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 04 Oct 2025 03:01:12 PM IST
मस्जिद कमेटी को झटका - फ़ोटो सोशल मीडिया
UP: उत्तर प्रदेश के संभल में तालाब और सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद के ध्वस्तीकरण मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। मस्जिद पक्ष की ओर से दाखिल याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने अधिवक्ता अरविंद कुमार त्रिपाठी, शशांक श्री त्रिपाठी और अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल की बातें सुनने के बाद यह आदेश दिये।
दशहरा की छुट्टी के बावजूद शनिवार की सुबह विशेष बेंच बैठी और मसाजिद शरीफ गोसुलबारा रावां बुजुर्ग एवं मस्जिद के मुतवल्ली मिंजर की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि याची के पास वैकल्पिक उपाय उपलब्ध हैं, जिनका सहारा लिया जा सकता है। कानूनी जानकारों के मुताबिक अब मस्जिद पक्ष ट्रायल कोर्ट में अपील दायर कर सकता है।
बता दें कि दशहरा अवकाश के दौरान यह याचिका अर्जेंट बेसिस पर दाखिल की गई थी। याचिका में मस्जिद, बारात घर और अस्पताल के ध्वस्तीकरण के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याची पक्ष ने आरोप लगाया था कि बारात घर को ध्वस्त कर दिया गया है और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए 2 अक्टूबर (गांधी जयंती और दशहरे की छुट्टी) का दिन जानबूझकर चुना गया। याचिका में यह भी कहा गया कि बुलडोजर कार्रवाई के दौरान भीड़ की मौजूदगी से बड़ा हादसा या बवाल हो सकता था।
इस मामले में शुक्रवार को भी दोपहर 1 बजे से करीब सवा घंटे सुनवाई हुई थी। उस समय मस्जिद पक्ष को कोई अंतरिम राहत नहीं मिली थी, लेकिन कोर्ट ने आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए शनिवार सुबह 10 बजे पुनः सुनवाई तय की थी।
इस बीच, संभल के रायां बुजुर्ग गांव में सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद को हटाने का काम शुक्रवार को भी जारी रहा। प्रशासन ने मस्जिद हटाने के लिए चार दिन का समय दिया था, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्वीकार किया। जुमे की नमाज के बाद ग्रामीणों ने खुद मस्जिद की दीवारें गिरानी शुरू कर दीं।