Forest Area Ranking: दुनिया में सबसे ज्यादा वन क्षेत्र किस देश में? भारत को टॉप-10 में मिला यह स्थान

Forest Area Ranking: भारत वन क्षेत्र के मामले में विश्व के कितने देशों से पीछे? वार्षिक वृद्धि में मिला तीसरा स्थान, टॉप पर अमेरिका-रूस जैसे देश काबिज..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 23 Oct 2025 01:26:30 PM IST

Forest Area Ranking

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Meta

Forest Area Ranking: पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भारत ने एक और मील का पत्थर गाड़ दिया है। संयुक्त राष्ट्र की फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन द्वारा बाली, इंडोनेशिया में जारी ग्लोबल फॉरेस्ट रिसोर्सेज असेसमेंट 2025 रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब कुल वन क्षेत्र के मामले में विश्व का नौवां सबसे बड़ा देश बन चुका है। पिछले रिपोर्ट में भारत को 10वां स्थान मिला था। इस रिपोर्ट में भारत ने वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में भी अपना तीसरा स्थान मजबूती से बरकरार रखा है। यह रिपोर्ट हर पांच साल में जारी होती है और 197 देशों के आंकड़ों पर आधारित है।


केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस उपलब्धि को सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण बताया है। उन्होंने कहा "पिछले आकलन में 10वें स्थान की तुलना में हमने वैश्विक स्तर पर वन क्षेत्र के मामले में 9वां स्थान प्राप्त किया है। वार्षिक वृद्धि के मामले में भी हमने वैश्विक स्तर पर अपना तीसरा स्थान बनाए रखा है।" मंत्री ने इसे मोदी सरकार की वन संरक्षण, वनीकरण और समुदाय-आधारित पर्यावरणीय कार्रवाइयों का परिणाम बताया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2015-2025 के बीच भारत ने हर साल औसतन 1,50,000 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र बढ़ाया, एशिया में चीन के बाद इस मामले में भारत दूसरे स्थान पर है।


यह प्रगति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का सीधा फल भी माना जा रहा है। इस पहल ने देशभर में लाखों लोगों को वृक्षारोपण से जोड़ा और पर्यावरण चेतना को मजबूत किया है। साथ ही एशिया अकेला महाद्वीप है जहां 1990 से 2025 तक वन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें भारत और चीन का योगदान प्रमुख है।


FRA 2025 रिपोर्ट की बात करें तो 2015-2025 के बीच वैश्विक वन कवर 4.14 अरब हेक्टेयर रहा, यह पृथ्वी की भूमि का एक तिहाई हिस्सा है। जंगलों की वार्षिक हानि आधी से अधिक कम हो गई है। यह 1990 के दशक के 10.7 मिलियन हेक्टेयर से घटकर अब 4.12 मिलियन हेक्टेयर रह गई है। हालांकि, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में कटाई अभी भी चिंता का विषय है।