अयोध्या दीपोत्सव 2025: रामनगरी में 26 लाख दीयों से जगमगाई सरयू, सीएम योगी ने किया श्रीराम का राज्याभिषेक

Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या में दीपावली की पूर्व संध्या पर भव्य दीपोत्सव मनाया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर में दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सरयू तट पर 26 लाख से अधिक दीप जलाकर रिकॉर्ड बनाया गया।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 19 Oct 2025 06:59:41 PM IST

Ayodhya Deepotsav 2025

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Ayodhya Deepotsav 2025: दीपावली की पूर्व संध्या पर रामनगरी अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक दीपोत्सव की गवाह बनी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर में दीप प्रज्वलन कर नौवें दीपोत्सव का शुभारंभ किया। इस बार का आयोजन अब तक का सबसे भव्य बताया जा रहा है। पूरे शहर को दिव्य रूप में सजाया गया, और सरयू के 56 घाटों पर 26 लाख से अधिक दीप जलाकर नया रिकॉर्ड कायम किया गया।


कार्यक्रम की शुरुआत रामकथा पार्क में प्रभु श्रीराम के प्रतीकात्मक राज्याभिषेक से हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने राम मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और दीप जलाया। इसके बाद सरयू तट पर आरती की और दीपोत्सव का औपचारिक उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्रा और प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।


मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि 15 मिनट के भीतर 56 घाटों पर दीप जलाए गए, जो कि एक नया कीर्तिमान है। साथ ही, 2100 से अधिक विद्वानों ने सरयू तट पर महाआरती में भाग लिया। कार्यक्रम में ड्रोन शो और लेज़र शो ने भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दीपोत्सव के मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "जब 2017 में हमने दीपोत्सव की शुरुआत की, तो हमारा उद्देश्य दुनिया को दिखाना था कि दीपावली का वास्तविक स्वरूप क्या है।"


उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने राम को मिथक बताया और समाजवादी पार्टी ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं। योगी ने विपक्ष द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा, "ये वही लोग हैं जो बाबर की कब्र पर सजदा करते हैं, लेकिन रामलला के निमंत्रण को ठुकरा देते हैं।"


मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 51 लाख दीपक जलाए गए, जो राज्य की सांस्कृतिक विरासत और विकास का संगम है। उन्होंने कहा, "जहां कभी गोलियां चलती थीं, वहां आज दीप जल रहे हैं। यह बदलाव अयोध्या की पहचान है।