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वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय और स्मृति स्तूप का उद्घाटन, 550 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैशाली में 550 करोड़ की लागत से बने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय और स्मृति स्तूप का उद्घाटन किया। यह परिसर 72 एकड़ में फैला है और पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनने जा रहा है।

1st Bihar Published by: Vikramjeet Updated Tue, 29 Jul 2025 04:30:24 PM IST

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन - फ़ोटो SOCIAL MEDIA

VAISHALI: वैशाली में बने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया। वैशाली गढ़ पर बने स्तूप का निर्माण भवन निर्माण विभाग की ओर से की गई है।  इसके निर्माण पर 550.48 करोड रुपए खर्च हुए हैं। यह स्मृति स्तूप 72 एकड़ में बनाया गया है, जो वैशाली से लेकर मुजफ्फरपुर जिले तक फैला हुआ है।


स्मृति स्तूप परिसर में लोगों को ध्यान आकर्षित करने के लिए पुस्तकालय, आगंतुक केंद्र, संग्रहालय ब्लॉक, एम्फीथियेटर, कैफेटेरिया, 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र, पार्किंग और अन्य सुविधाएं भी विकसित की गई हैं। अब विदेश से आने वाले पर्यटक के लिए आकर्षण का केंद्र वैशाली हो जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया। इस मौके पर दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, विजय चौधरी सहित एनडीए के कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। 


6 साल के लंबे इतंजार के बाद आखिरकार सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट पूरा हो गया जिसके तहत सीएम ने करोड़ो की लागत से बने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का उदघाटन कर दिया।डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी,मंत्री विजय चौधरी के साथ पहुंचे नीतीश कुमार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का उदघाटन किया जिसके बाद आज से यह आम लोगो के लिए भी खोल दिया गया है।वहीं इस मौके पर 15 देशों से आए बौद्ध भिक्षु भी उपस्थित थे जिन्होंने विधिवत पूजा अर्चना की जिसके बाद सीएम ने मुख्य स्तूपा सहित पूरे परिसर का मुआयना भी किया।


बता दें कि इसे बनाने में 550.48 करोड रुपए खर्च हुए हैं।यह स्तूप 72 एकड़ में  बन कर तैयार हुआ है।जो वैशाली जिले से लेकर मुजफ्फरपुर जिला तक फैला हुआ है।स्तूप के परिसर में लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए  पुस्तकालय आगंतुक केंद्र संग्रहालय ब्लॉक एमफिल थियेटर  कैफेटेरिया,मेडिटेशन सेंटर के अलावा 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र पार्किंग तथा अन्य सुविधा भी विकसित की गई है।उद्घाटन के बाद विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र वैशाली हो जाएगा।खास बात यह है कि मुख्य स्तूपा में अस्थि कलश को आज ही स्थापित भी कर दिया गया है।


दरअसल 72 एकड़ भूमि में फैले इस भव्य परिसर को 550.48 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। यह स्थल एतिहासिक पुष्करणी तालाब और मड स्तूप के समीप स्थित है। संग्रहालय के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया जाएगा, जो 1958-62 की खुदाई में प्राप्त हुआ था और स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा. पूरी तरह पत्थरों से निर्मित यह स्तूप वंशी पहाड़पुर (राजस्थान) से लाए गए 42,373 बलुआ पत्थरों से टंग एंड ग्रूव तकनीक के माध्यम से जोड़ा गया है। यह संरचना आधुनिक भूकंपरोधी तकनीकों से सुसज्जित है।


ओडिशा के कलाकारों ने तैयार की है प्रतिमा

ओडिशा के कलाकारों द्वारा निर्मित भगवान बुद्ध की प्रतिमा इस स्थल की विशिष्ट पहचान होगी। यह स्तूप न केवल वैशाली को वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर प्रतिष्ठित करेगा, बल्कि स्थानीय पर्यटन, संस्कृति और रोजगार को भी नई दिशा देगा। विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार ने कहा कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक बौद्ध विरासत का भव्य प्रतीक है। यह स्मारक वैशाली को विश्व बौद्ध मानचित्र पर स्थापित करेगा और पर्यटन, संस्कृति व स्थानीय रोजगार को नई दिशा देगा।


उद्घाटन से पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस स्मृति स्तूप के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप, वैशाली का 29 जुलाई 2025 को लोकार्पण होने जा रहा है। इस लोकार्पण समारोह में दुनिया भर के करीब 15 देशों के बौद्ध धर्मावलंबी और बौद्ध भिक्षु बिहार आ रहे हैं। यह हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव का क्षण होगा। मैंने बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के निर्माण कार्य का लगातार निरीक्षण किया ताकि निर्माण कार्य विशिष्ट ढंग से जल्द से जल्द पूर्ण हो सके। 72 एकड़ भूमि पर इस भव्य स्तूप का निर्माण राजस्थान के गुलाबी पत्थरों से किया गया है।


 इस परिसर का स्वरूप पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी काफी अच्छा बनाया गया है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को सुखद अनुभूति हो। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप के प्रथम तल पर भगवान बुद्ध का पावन अस्थि कलश स्थापित किया गया है, जो स्मारक का प्रमुख केंद्र बिंदु होगा। भगवान बुद्ध का अस्थि अवशेष 6 जगहों से प्राप्त हुआ जिसमें वैशाली के मड स्तूप से जो अस्थि अवशेष मिले वह सबसे प्रामाणिक है जिसका जिक्र चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी अपनी पुस्तक में किया है। वैशाली ऐतिहासिक और पौराणिक भूमि है, जिसने दुनिया को पहला गणतंत्र दिया। यह नारी सशक्तीकरण की भी भूमि रही है। बौद्ध धर्मावलंबियों के संघ में पहली बार यहां महिलाओं को शामिल किया गया। यह स्तूप बिहार की सांस्कृतिक धरोहर और वैश्विक बौद्ध विरासत का भव्य प्रतीक है। बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय-सह-स्मृति स्तूप न केवल वैशाली को वैश्विक बौद्ध मानचित्र पर प्रतिष्ठित करेगा बल्कि पर्यटन, संस्कृति और रोजगार को भी नई दिशा देगा। (3/3)