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पटना: कोर्ट से राहत मिलने के बाद पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव की विधानसभा सदस्यता बहाल

मारपीट के मामले में सजा मिलने के कारण सदस्यता गंवा चुके भाजपा के पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव की पटना हाईकोर्ट से राहत के बाद विधानसभा सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Jul 2025 09:55:28 PM IST

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विधानसभा अध्यक्ष ने सुनी फरियाद - फ़ोटो GOOGLE

PATNA: मारपीट के मामले में दो साल की सजा होने के बाद अपनी विधायकी गवां चुके बीजेपी के पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने फिर से सदस्यता बहाल करने के लिए विधानसभा स्पीकर नंदकिशोर यादव को पत्र लिखा। उन्होंने स्पीकर को लिखे पत्र में कहा है कि पटना हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल चुकी है ऐसे में उनकी विधानसभा सदस्यता को फिर से बहाल किया जाए। उनकी अर्जी स्वीकार कर ली गयी है। मिश्री लाल यादव की सदस्यता फिर से बहाल की गयी है। 


इसे लेकर बिहार विधान सभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की है। जिसमें यह लिखा हुआ है कि सर्वसाधारण की जानकारी के लिए यह प्रकाशित किया जाता है कि बिहार विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या-81, अलीनगर से निर्वाचित माननीय सदस्य श्री मिश्री लाल यादव को माननीय विशेष न्यायालय एम०पी० / एम०एल०ए०, दरभंगा द्वारा अपील वाद संख्या-06/2025 में दिनांक-27.05.2025 को पारित न्याय निर्णय के तहत दो वर्ष की कारावास की सजा सुनाये जाने के कारण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-8 के आलोक में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। 


उनकी सदस्यता समाप्ति एवं विधान सभा क्षेत्र संख्या-81, अलीनगर की रिक्ति के संबंध में बिहार विधान सभा सचिवालय द्वारा अधिसूचना संख्या-वि०स० (का०)-06/2022-1409, दिनांक-20.06.2025 जारी की गई थी । अब दिनांक-18.07.2025 को माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा Criminal Revision No.-556/2025 (श्री मिश्री लाल यादव एवं अन्य बनाम बिहार राज्य एवं अन्य) में पारित न्याय निर्णय के द्वारा विशेष न्यायालय के उपर्युक्त वर्णित न्यायादेश को निरस्त (Set aside) कर दिया गया है, जिस कारण श्री मिश्री लाल यादव की दोषसिद्धि एवं दंडादेश निरस्त हो गयी है। अतः सभा सचिवालय द्वारा निर्गत पूर्वादेश अधिसूचना संख्या-वि०स० (का०)-06/2022-1409, दिनांक-20.06.2025 को निरस्त करते हुए श्री मिश्री लाल यादव की सदस्यता पूर्ववर्ती प्रभाव से बहाल की जाती है। तदनुसार सप्तदश बिहार विधान सभा के सदस्यों की सूची को इस हद तक संशोधित समझा जाय ।


दरअसल, पूरा मामला साल 2019 का है। समैला के रहने वाले उमेश मिश्र ने 30 जनवरी 2019 को मारपीट का आरोप लगाते हुए थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने 17 अप्रैल 2020 को मामले पर संज्ञान लिया था।  कोर्ट ने बीजेपी विधायक मिश्री लाल को दोषी करार देते हुए तीन महीने की जेल और 500 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई थी। 


बाद में कोर्ट ने इसी मामले में मिश्रीलाल यादव और सह-आरोपी सुरेश यादव को दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास और एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई थी। दरभंगा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा स्पीकर ने मिश्रीलाल की सदस्यता को रद्द कर दिया था और उन्हें अयोग्य करार दिया था। 


इस फैसले को चुनौती देते हुए मिश्रीलाल ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से कोर्ट ने उन्हें दोष मुक्त कर दिया। अब जब हाई कोर्ट से मिश्री लाल को राहत मिल गई है तो एक बार फिर से विधायकी बहाल कराने के लिए उन्होंने स्पीकर को पत्र लिखकर इसे विपक्ष की साजिश करार दिया था। उनकी बातें सुनने के बाद सदस्यता बहाल किये जाने को लेकर बिहार विधानसभा सचिवालय ने आज अधिसूचना जारी कर दी।