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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 17 Sep 2025 05:24:26 PM IST
भारत निर्वाचन आयोग - फ़ोटो FILE PHOTO
EVM Candidate Photo : बिहार में विधानसभा चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। चुनाव आयोग की तैयारियों के बीच अगले महीने कभी भी चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है। राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर मतदान के लिए जोर-शोर से तैयारी की जा रही है। चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान चलाकर मतदाता सूची को अपडेट किया है। 30 सितंबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी और इसके बाद कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है।
इस बार बिहार चुनाव में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। भारत निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर प्रत्याशियों के नाम और चुनाव चिह्न के साथ-साथ उनका रंगीन फोटो भी छपा होगा। आयोग ने बताया कि इस व्यवस्था की शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव से की जा रही है और आगे आने वाले चुनावों में इसे लागू किया जाएगा।
आयोग ने बुधवार को प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि अक्सर चुनावों के दौरान हमनाम उम्मीदवारों की वजह से मतदाताओं को कंफ्यूजन होता है। कई बार एक ही नाम वाले दो या तीन प्रत्याशी मैदान में उतर जाते हैं। ऐसे में वोटर गलती से किसी दूसरे प्रत्याशी को वोट डाल देता है। इस समस्या से बचने और मतदान प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए अब ईवीएम बैलेट पेपर पर उम्मीदवार की तस्वीर भी होगी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, बैलेट पेपर पर उम्मीदवार का चेहरा निर्धारित स्पेस के तीन-चौथाई हिस्से में होगा, ताकि उनकी पहचान आसानी से हो सके। उम्मीदवार की स्पष्ट तस्वीर से मतदाताओं को अपने पसंदीदा प्रत्याशी की पहचान करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
इसके अलावा आयोग ने बताया कि सभी उम्मीदवारों और नोटा (NOTA) के क्रमांक को भी बैलेट पेपर पर गहरे फॉन्ट (Bold Font) में छापा जाएगा। इसका फॉन्ट साइज 30 तय किया गया है। साथ ही, सभी नाम और नोटा को एक ही फॉन्ट व साइज में प्रिंट किया जाएगा। इससे बैलेट पेपर पढ़ने में मतदाताओं को आसानी होगी और किसी भी प्रकार का भेदभाव या असमानता की गुंजाइश नहीं रहेगी।
भारत में चुनावों के दौरान यह अक्सर देखा गया है कि एक ही नाम वाले कई प्रत्याशी खड़े हो जाते हैं। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में मतदाता इस भ्रम का शिकार हो जाते हैं। कई बार वोटरों ने शिकायत की है कि उन्होंने अपने उम्मीदवार को वोट देने की कोशिश की, लेकिन गलती से हमनाम वाले किसी दूसरे प्रत्याशी को वोट चला गया।
ऐसे मामलों से बचने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है। आयोग का मानना है कि नाम, चुनाव चिह्न और रंगीन फोटो – इन तीनों की मौजूदगी से मतदाता के सामने कोई भ्रम नहीं रहेगा और वह पूरी तरह आत्मविश्वास के साथ सही उम्मीदवार को चुन सकेगा।
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि बिहार से शुरू होने वाला यह प्रयोग भविष्य में अन्य राज्यों के चुनावों में भी लागू होगा। बिहार के बाद 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुदुचेरी और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं। संभावना है कि इन राज्यों में भी उम्मीदवारों के रंगीन फोटो वाली ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा।
आयोग लगातार मतदान प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए नई-नई तकनीक अपना रहा है। पहले बैलेट पेपर से वोटिंग होती थी, जिसमें धांधली की आशंका अधिक रहती थी। लेकिन ईवीएम आने के बाद वोटिंग प्रक्रिया काफी तेज, सुरक्षित और पारदर्शी हुई है। अब उम्मीदवारों के फोटो जोड़ने के फैसले को भी इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण इलाकों और अशिक्षित मतदाताओं के लिए सबसे अधिक लाभकारी साबित होगा। कई बार मतदाता केवल चुनाव चिह्न से ही अपने प्रत्याशी की पहचान करता है, लेकिन अगर किसी पार्टी का चुनाव चिह्न उससे मिलता-जुलता हो तो गड़बड़ी की संभावना रहती है। अब फोटो देखकर भी वोटर यह तय कर पाएगा कि वह किसे वोट दे रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव से लागू होने वाला यह नया नियम भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिह्न के साथ उनकी तस्वीर ईवीएम पर देखने से मतदाताओं की सुविधा बढ़ेगी और भ्रम की स्थिति खत्म होगी। यह कदम न केवल बिहार, बल्कि भविष्य में अन्य राज्यों और लोकसभा चुनाव में भी पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।