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Bihar Transport: परिवहन विभाग में 2.30 Cr का घपला....बेल्ट्रॉन के 'ऑपरेटर्स-प्रोग्रामर' की सेवा समाप्त ! बड़ा सवाल—तब कहां थे जिम्मेदार अधिकारी ?

Bihar Transport: रोहतास परिवहन कार्यालय में 2.30 करोड़ के गबन मामले में बड़ा एक्शन. बेल्ट्रॉन से नियुक्त डेटा एंट्री ऑपरेटर और प्रोग्रामर पर केस दर्ज, सेवा समाप्त करने का आदेश जारी. अब जांच में सामने आएगा कि दाल में काला था या पूरी दाल ही काली है?

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Sat, 09 Aug 2025 12:26:24 PM IST

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- फ़ोटो Google

Bihar Transport: रोहतास परिवहन कार्यालय में 2.30 करोड़ के गबन मामले में एक्शन शुरू हो गया है. सरकारी राशि के गबन के आरोपियों के खिलाफ पहले थाने में मुकदमा दर्ज किया गया, इसके बाद उन आरोपियों को हटाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि सरकारी राशि को गबन करने के मामले सिर्फ कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रोग्रामर जिम्मेदार है, यह बात गले के नीचे नहीं उतर रही. ऐसा लग रहा कि दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है. अब देखना होगा,पुलिस की जांच की आंच कहां तक पहुंचती है.

लंबे समय से ऑपरेटर टैक्स की राशि जमा नहीं कर रहे थे तो अफसर क्या कर रहे थे ?

रोहतास परिवहन कार्यालय में टैक्स के रूप में वसूले गए 2 करोड़ 30 लाख रू का गबन किया गया. आरोप कार्यालय के संविदा कर्मियों पर लगा. बड़ा सवाल यही है कि बेल्ट्रान से लिए गए संविदा कर्मियों को इतनी बड़ी जिम्मेदारी कैसे दी गई, क्या वहां स्थाई कर्मी नहीं थे ? सरकारी राशि के गबन के खुलासे के बाद रोहतास के जिला परिवहन पदाधिकारी रामबाबू ने 4 अगस्त को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी. जिसमें परिवहन कार्यालय के चार कर्मचारियों पर ही केस दर्ज कराया. जिसमें डाटा इंट्री ऑपरेटर अजय कुमार सिंह जो वर्तमान में भोजपुर डीटीओ कार्यालय में कार्यरत्त है. इसके अलावे अनिल कुमार(डाटा इंट्री ऑपरेटर) वर्तमान में पटना में पदस्थापित, तत्कालीन प्रोग्रामर अनिल कुमार जो वर्तमान में खगड़िया में कार्यरत्त है, वहीं डाटा इंट्री ऑपरेटर अक्षय कुमार सिंह जो वर्तमान में भभुआ परिवहन कार्यालय में तैनात है. इन सभी के खिलाफ 2 करोड़ रू से अधिक की सरकारी राशि के गबन के आरोप में केस दर्ज हुआ है. 

परिवहन विभाग ने घोटालेबाज ऑपरेटरों की सेवा किया वापस 

सरकारी राशि के गबन का केस दर्ज होने के बाद अब अगली कार्रवाई भी हुई है. जानकारी के अनुसार इन सभी डाटा इंट्री ऑपरेटर और प्रोग्रामर जिनके खिलाफ घोटाले का केस दर्ज हुआ है, सभी की सेवा वापस करने का आदेश जारी हुआ है. परिवहन विभाग में ये सभी बेल्ट्रॉन के माध्यम से नियोजित किए गए थे. विभाग ने इन सभी को वापस करने का निर्णय लिया है. जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग ने इस संबंध मेंं शुक्रवार को ही यह आदेश जारी कर दिया है. पैसा वसूली को लेकर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी.  

रोहतास डीटीओ रामबाबू ने थाना में दिए आवेदन में बताया है कि जिला परिवहन कार्यालय के RTPS काउंटर के द्वारा वाहन टैक्स (MV Tax) और इ-चालान के माध्यम से जमा हुई सरकारी राशि को सरकारी खाते में जमा करना था. इसके लिए जिन कर्मियों को नियुक्त किया गया था उन्होंने गंभीर लापरवाही और गड़बड़ी की. यह प्रथम दृष्टया आपराधिक कृत्य लग रहा है. रोहतास डीटीओ आवेदन में जिक्र किया गया है कि जांच के दौरान तत्कालीन डाटा इंट्री ऑपरेटर और प्रोग्रामर भी मौजूद थे. तत्कालीन डाटा इंट्री ऑपरेटर अजय कुमार सिंह हैं. जो अभी आरा में परिवहन परिवहन कार्यालय में कार्यरत है. अजय कुमार सिंह ने अपनी गलती स्वीकार की है और 15 लाख 99 हजार 75 रुपए जमा किया है. शेष राशि जमा करने के लिए नोटिस दिया गया, लेकिन तत्कालीन डाटा इंट्री ऑपरेटर और प्रोग्रामर ने 31 जुलाई 2025 तक उस राशि को सरकारी खाते में जमा नहीं की.

भ्रष्टाचार को लेकर परिवहन विभाग हमेशा चर्चा में रहता है. इस बार सरकारी कर्मियों ने ही सरकार को करोड़ों का चूना लगा दिया. आमलोगों से वसूली करते-करते परिवहन विभाग के कर्मी सरकारी खजाने को ही साफ करने में जुट गए. हालांकि मामला पकड़ा गया है और आरोपी परिवहन कर्मियों के खिलाफ थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया है. रोहतास परिवहन कार्यालय द्वारा टैक्स के रूप में वसूले गए 2 करोड़ 30 लाख रू का गबन किया गया है. इस खुलासे के बाद दूसरे जिले के डीटीओ कार्यालय में भी इस तरह के घोटाले से इनकार नहीं किया जा सकता है. जिन कर्मियों पर गबन का आरोप है, वे भोजपुर डीटीओ कार्यालय में भी काम कर चुके हैं. लिहाजा यहां भी टैक्स की राशि का घोटाला हो सकता है. इस आधार पर भोजपुर जिला परिवहन कार्यालय में भी हिसाब-किताब का मिलान किया जा रहा है. 

भोजपुर डीटीओ ने क्या कहा....

भोजपुर के जिला परिवहन पदाधिकारी मोइज जिया ने बताया कि हमलोग मिलान करा रहे हैं. बैंक से भी जानकारी मांगी गई है. रोहतास परिवहन कार्यालय में हुए गबन मामले में डाटा इंट्री ऑपरेटर अजय कुमार सिंह पर केस किया गया है. ऑपरेटर अजय सिंह का भोजपुर डीटीओ कार्यालय में 2 महीने का कार्य अवधि रहा है. इस अवधि का मिलान किया जा रहा है. अगर गड़बड़ी सामने आयेगी तो कार्रवाई निश्चित है.