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Bihar Bhumi: अब घर बैठे सुधारें अपनी जमाबंदी, आवेदन से लेकर निष्पादन तक सब कुछ होगा डिजिटल

Bihar Bhumi: राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा 16 अगस्त से पूरे राज्य में राजस्व महाअभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य है भूमि से संबंधित अभिलेखों को अपडेट करना, त्रुटियों को सुधारना और इसे पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 19 Aug 2025 08:11:07 AM IST

Bihar Bhumi

बिहार भूमि - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Bhumi: राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा 16 अगस्त से पूरे राज्य में राजस्व महाअभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य है भूमि से संबंधित अभिलेखों को अपडेट करना, त्रुटियों को सुधारना और इसे पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना। यह अभियान राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसकी मॉनिटरिंग जिला स्तर पर की जा रही है।


अभियान के तहत सभी डीसीएलआर, सीओ, बंदोबस्त कार्यालय के सर्वेक्षण अमीन, तथा सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों को सक्रिय रूप से जोड़ा गया है। सीओ मनीष कुमार चौधरी ने जानकारी दी कि अब रैयतों (भूमि मालिकों) को अपनी जमीन की जमाबंदी या उसमें सुधार के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार की ओर से अब आवेदकों के घर तक जमाबंदी की प्रति पहुंचाई जा रही है, और मौके पर ही सुधार हेतु आवेदन भी स्वीकार किए जा रहे हैं।


इस महाअभियान में विशेष रूप से उन जमीनों पर फोकस किया जा रहा है जो अब भी मृत पूर्वजों के नाम पर दर्ज हैं। ऐसे मामलों में उत्तराधिकारियों बेटों या पोतों के नाम पर नई जमाबंदी तैयार की जाएगी और पंजी-2 में वारिसों का नाम दर्ज किया जाएगा। इसके पश्चात भविष्य में लगान की रसीद भी उन्हीं उत्तराधिकारियों के नाम से जारी की जाएगी।


राजस्व पदाधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि अभियान का मकसद न केवल नाम, खाता संख्या, खेसरा या क्षेत्रफल जैसी त्रुटियों को दूर करना है, बल्कि सभी भूमि अभिलेखों को डिजिटाइज कर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना भी है। इससे न केवल जमीन के रिकॉर्ड पारदर्शी होंगे, बल्कि किसान और आम नागरिक भी सरकारी योजनाओं, मुआवजा, बैंक ऋण और खरीद-बिक्री जैसी सुविधाओं का बिना बाधा लाभ उठा सकेंगे।


जहां जमीन संयुक्त नाम पर दर्ज है, वहां आपसी सहमति, रजिस्ट्री या न्यायालय के आदेश के आधार पर हिस्सेदारों के नाम अलग-अलग जमाबंदी दर्ज की जाएगी। प्रत्येक हल्का क्षेत्र में दो-दो शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां आवेदन लिए जाएंगे और 20 सितंबर से 30 अक्टूबर तक सभी आवेदनों का निष्पादन किया जाएगा।


बीडीओ परवेज आलम ने बताया कि अधूरी या त्रुटिपूर्ण जमाबंदी के कारण अब तक कई किसान बैंक ऋण, मुआवजा और सरकारी योजनाओं से वंचित थे। लेकिन इस अभियान के जरिए डिजिटल और अद्यतन रिकॉर्ड के माध्यम से वे इन सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। इसके अलावा, भूमि विवाद की संभावनाएं भी कम होंगी, क्योंकि सभी अभिलेख स्पष्ट और सही तरीके से दर्ज होंगे।


जहां किसी रैयत की मृत्यु हो गई है, वहां वंशावली के आधार पर उत्तराधिकारियों के नाम से जमाबंदी की जाएगी। जो जमाबंदी अब तक ऑनलाइन नहीं हुई है, उन्हें भी इस अभियान के तहत डिजिटाइज किया जाएगा। सिकटी अंचल के 57 मौजों को इस अभियान में शामिल किया गया है, जहां शिविरों के माध्यम से व्यापक स्तर पर काम किया जाएगा। हर हल्का क्षेत्र और मौजा में जमाबंदी की संख्या भी काफी अधिक है। नीचे तालिका के रूप में विवरण प्रस्तुत है:


हल्का - मौजा की संख्या - जमाबंदी की कुल संख्या

दहगामा- 6- 4995

कुचहा- 3 - 4054

मुरारीपुर- 4- 4842

पड़रिया- 2- 4521

बोकांतरी- 2- 5494

खोरागाछ - 5- 5275

मजरख- 7- 3756

आमगाछी - 4- 4916

कौआकोह- 5- 5638

बरदाहा- 4- 3475

बेंगा- 3- 2778

डेढूआ- 4- 4864

भीड़भिड़ी - 2- 5407

ठेंगापुर- 6- 5331

यह राजस्व महाअभियान न केवल बिहार सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करता है, बल्कि आम जनता को ज़मीन संबंधी कार्यों में पारदर्शिता, सुविधा और अधिकार का अनुभव भी कराता है।