1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 03 Aug 2025 07:29:03 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Rain Alert: बिहार में मॉनसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है, जिससे कई जिलों में भारी तबाही मची हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने रविवार को पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीवान और सुपौल में अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा गोपालगंज, बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और खगड़िया में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। शनिवार को भी इन जिलों में मूसलाधार बारिश और ठनका की घटनाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।
पटना में शनिवार को भारी बारिश के कारण कई इलाकों में दो से तीन फीट तक पानी जमा हो गया है। जमुई में उलाय नदी के उफान पर होने से एक पुल धंस गया, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया। लखीसराय और बांका में सड़कें बह गईं और बांका में करीब 20 फीट सड़क पानी के साथ बह गई। पटना के पंडारक, अथमलगोला, मोकामा, घोसवरी और बाढ़ प्रखंडों में हजारों एकड़ धान की फसल पानी में डूब गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। राजधानी की सड़कों पर जलभराव ने यातायात को ठप कर दिया और कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
आईएमडी के अनुसार मॉनसून की द्रोणिका और एक सक्रिय मौसमी सिस्टम के कारण अगले तीन दिनों तक बिहार में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। सुपौल, मधुबनी और दरभंगा में अत्यंत भारी बारिश, जबकि किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर और समस्तीपुर में भारी बारिश की संभावना है। अन्य जिलों में भी मेघगर्जन और ठनका के साथ मूसलाधार बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यह स्थिति उत्तर बिहार के नदियों जैसे कोसी, गंडक, बागमती और महानंदा के जलस्तर में तेज वृद्धि का कारण बन सकती है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
बिहार सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रभावित जिलों में अलर्ट जारी कर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है और राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। बिहार जल संसाधन विभाग ने कोसी और गंडक नदियों के तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी है, क्योंकि इन नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। लगातार बारिश और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान ने प्रशासन के सामने बड़ी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। किसानों की फसल बर्बादी और सड़कों-पुलों के नुकसान ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। लोगों से सावधानी बरतने और मौसम अपडेट्स पर नजर रखने की अपील की गई है।