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Bihar News: हाईकोर्ट ने पति पर जुल्म करने वाली पत्नी पर गिराई गाज, तलाक और 50 हजार रुपये जुर्माने का आदेश

Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने पति को प्रताड़ित करने और दूसरे पुरुष से अवैध संबंध रखने वाली पत्नी की याचिका खारिज कर दी है. तलाक देने का आदेश बरकरार रखा गया। कोर्ट ने पत्नी को 3 महीने में पति को 50 हजार रुपये देने का दिया निर्देश..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 10 Aug 2025 09:45:54 AM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने पति पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना करने के साथ साथ पराए मर्द से संबंध रखने वाली एक महिला को राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने पति की ओर से दायर तलाक की अर्जी को मंजूरी दी और विवाह संबंध खत्म करने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही, महिला को अपने पति को 50 हजार रुपये तीन महीने के भीतर देने का निर्देश दिया है।


न्यायमूर्ति पी. बी. बजंथरी और न्यायमूर्ति शशि भूषण प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने यह फैसला पत्नी कुमारी संगीता राय उर्फ संगीता देवी की अपील पर सुनवाई के बाद सुनाया। संगीता देवी ने 31 अक्टूबर 2018 को पटना परिवार न्यायालय द्वारा दिए गए विवाह विच्छेद और तलाक  के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने परिवार न्यायालय के फैसले को सही करार देते हुए उसे रद्द करने से इनकार कर दिया।


शादी के बाद से पराए मर्द की एंट्री

कोर्ट में दायर मामले के अनुसार, संगीता देवी नाम की शादी राजीव रंजन उर्फ बबलू से 21 जून 1996 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही वह ससुराल छोड़ मायके चली गईं। गौना के बाद वापस लौटीं तो करीब चार महीने ससुराल में रहीं।


गवाहों के मुताबिक, संगीता देवी के ससुराल में एक व्यक्ति विनोद सिंह कई बार उनसे मिलने आया और दोनों पति की अनुमति के बिना फिल्म देखने गए। पति के आपत्ति जताने पर संगीता देवी ने नाराजगी दिखाई और धमकी दी।


इसके बाद वह फिर मायके चली गईं और वहां से विनोद सिंह के घर चली गईं, जहां करीब ढाई महीने रहीं। साल 2000 में एक बेटे का जन्म हुआ, लेकिन पति का आरोप है कि पत्नी का व्यवहार बहुत खराब था.


बच्चों समेत आत्महत्या की कोशिश

पति के अनुसार, संगीता देवी ने एक बार अपने ऊपर, बेटे और बेटी पर केरोसिन डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की। घटना में बेटी गंभीर रूप से झुलस गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। संगीता के बेटे ने भी अदालत में गवाही दी कि मां ने ही आग लगाई थी और वह अपने पिता व दादी के साथ रहना चाहता है।


अवैध संबंध की लिखित स्वीकारोक्ति

पति ने दावा किया कि पत्नी ने एक दिन भावनाओं में आकर लिखित रूप से स्वीकार किया कि उसका संबंध विनोद सिंह के साथ है। इसके बाद पत्नी के मायके वालों ने पति से मारपीट की और दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया। पति का कहना था कि पत्नी ने झूठे मुकदमे दायर कर उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर लगातार काफी प्रताड़ित किया.


परिवार न्यायालय के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

इस मामले में पति ने पहले परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दायर की थी. सभी साक्ष्यों और गवाहों की गवाही सुनने के बाद परिवार न्यायालय ने विवाह विच्छेद और तलाक की अर्जी स्वीकार कर ली थी। अदालत ने पाया कि 2006 से दोनों अलग रह रहे हैं और पत्नी ने संबंध सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया। इसे क्रूरता और परित्याग का मामला मानते हुए तलाक का आदेश दिया गया था।


संगीता देवी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाइकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया। हाइकोर्ट ने स्पष्ट किया कि गलती पत्नी की है इसलिए वह बेवजह मुकदमेबाजी में खर्च के रूप में पति को 50 हजार रुपये तीन महीने के भीतर देगी.