Manrega Yojna Bihar: एक दर्जन से अधिक पंचायत सेवकों पर फर्जीवाड़े का आरोप, अब होगी कार्रवाई

Manrega Yojna Bihar: मुजफ्फरपुर में मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा, 14 पंचायत रोजगार सेवकों के मानदेय में होगी 5% कटौती। एक ही तस्वीर बार-बार अपलोड और बिना काम उपस्थिति दर्ज करने की गड़बड़ी पकड़ी गई।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Jul 2025 02:09:06 PM IST

Manrega Yojna Bihar

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Manrega Yojna Bihar: मुजफ्फरपुर जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम योजना के तहत बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जिले के 6 प्रखंडों कुढ़नी, कांटी, सरैया, मोतीपुर, साहेबगंज, और पारू की विभिन्न पंचायतों में जांच के दौरान फर्जी उपस्थिति और एक ही तस्वीर को बार-बार अपलोड करने की गड़बड़ी पकड़ी गई है। इस मामले में डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर श्रेष्ठ अनुपम ने सख्त कार्रवाई करते हुए 14 पंचायत रोजगार सेवकों के मानदेय में 5 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है।


जांच में सामने आया है कि कुढ़नी प्रखंड की शाहपुर मरीचा पंचायत में 4 योजनाओं में तस्वीर अपलोड में गड़बड़ी थी। सरैया प्रखंड की अमैठा पंचायत में 4, बहिलवारा गोविंद और बहिलवारा रूपनाथ में 1-1, सकरी सरैया, अख्तियारपुर परैया और किशुनपुर मोहनी में भी 1-1 योजना में फर्जीवाड़ा पाया गया है। मोतीपुर प्रखंड की रापुर भेड़याही, महिमा गोपीनाथपुर, पकड़ी और ठिकहां पंचायतों में भी तस्वीर अपलोड में अनियमितता सामने आई हैं। इसके अलावा ठिकहां में बिना मजदूरों के काम किए ही उपस्थिति दर्ज की गई है। साहेबगंज की पहाड़पुर मनोरथ, गौड़ा और बसंतपुर चैनपुर तथा कांटी की दादर कोल्हुआ और मोहम्मदपुर खाजे पंचायतों में भी ऐसी गड़बड़ियां पकड़ी गईं हैं।


इस फर्जीवाड़े के लिए जिम्मेदार पंचायत रोजगार सेवकों पर 5% मानदेय कटौती के साथ-साथ कुढ़नी, कांटी, सरैया, मोतीपुर और साहेबगंज के कार्यक्रम पदाधिकारियों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अतिरिक्त योजनाओं में गड़बड़ी करने वाले मेट्स को चयन-मुक्त करने का आदेश जारी किया गया है।


डीडीसी ने स्पष्ट किया है कि फर्जी उपस्थिति और तस्वीरों का दुरुपयोग योजना के उद्देश्यों को नुकसान पहुंचाता है। जिससे ग्रामीण रोजगार और विकास कार्य प्रभावित होते हैं। इस कार्रवाई से भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर रोक लगाने की उम्मीद है। समाज कल्याण संगठनों और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई की सराहना की है। लेकिन साथ ही मांग की है कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए और सख्त निगरानी व्यवस्था लागू की जाए।