ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार में करोड़पति नेता जी का भरमार, जानिए किसके पास हैं सबसे अधिक पैसा तो कौन सबसे गरीब Bihar Election 2025 : महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर सस्पेंस बरकरार, आज तेजस्वी-गहलोत करेंगे बड़ा ऐलान Bihar Weather: छठ पूजा से पहले बिहार के इन जिलों में गिरा तापमान, अगले महीने से झेलनी होगी भीषण सर्दी Bihar Election 2025: छठ से पहले मैदान में उतरे BJP के स्टार प्रचारक, महागठबंधन में अभी भी पेंच; कैसे करेंगे किला फतह? Delhi Encounter: दिल्ली में मारे गए बिहार के 4 मोस्ट वांटेड, चुनाव से पहले राज्य में आतंक फैलाने की योजना विफल Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर BJP ने टाइट की फील्डिंग, नड्डा आज यहां भरेंगे हुंकार Chhath Puja 2025: छठ पूजा के दौरान बदली रहेगी पटना की ट्रैफिक व्यवस्था, इन रास्तों पर वाहनों की आवाजाही रहेगी बंद; गाइडलाइंस जारी Chhath Puja 2025: छठ पूजा के दौरान बदली रहेगी पटना की ट्रैफिक व्यवस्था, इन रास्तों पर वाहनों की आवाजाही रहेगी बंद; गाइडलाइंस जारी महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम, गिरिडीह में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दी गई मशीनें Chhath Puja 2025: पटना में इन जगहों पर छठ पूजा करने पर रहेगी रोक, जिला प्रशासन ने जारी की खतरनाक गंगा घाटों की सूची

Bihar police : पटना हाईकोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार, तीन पुलिसकर्मियों पर दो लाख जुर्माना; जानिए क्या है पूरी खबर

Bihar police : बिहार के जहानाबाद जिले से पुलिस की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पटना हाईकोर्ट ने गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखने के मामले में जहानाबाद पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाय

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 02 Sep 2025 11:02:55 AM IST

Bihar police

Bihar police - फ़ोटो FILE PHOTO

Bihar police : बिहार के जहानाबाद से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। जहां जबरन थाने में बैठाना पुलिस टीम को काफी महंगा पड़ गया और अब यह मामला कोर्ट पहुंच गया। इसके बाद कोर्ट ने इसको लेकर जुर्माना लगाया है। इसके चलते पुलिस महकमे में हड़कंप का माहौल कायम हो गया है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?


जानकारी के अनुसार, पटना हाईकोर्ट ने जहानाबाद जिले के मखदुमपुर थाना और जहानाबाद थाना द्वारा गैरकानूनी तरीके से याचिकाकर्ता के तीन रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अवधि से ज्यादा समय तक थाना हिरासत में बंद रखने को काफी गंभीरता से लिया। अब कोर्ट ने इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।


बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला मखदुमपुर थाना कांड संख्या 337/2025 से जुड़ा हुआ है। इस मामले में शक के आधार पर मखदुमपुर और जहानाबाद थाने की पुलिस ने याचिकाकर्ता के तीन रिश्तेदारों मंजू देवी, आदित्य राज और गौतम कुमार को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर निर्धारित अवधि से ज्यादा समय तक थाने में बंद रखा। इतना ही नहीं, इस मामले की जानकारी पुलिस की ओर से परिजनों को तीन-चार दिन बाद दी गई। उसके बाद याचिकाकर्ता, जो दिल्ली में नौकरी करता है, वह दिल्ली से पटना आया।


इसके बाद उसने मगध रेंज के डीआईजी को इस संबंध में शिकायत की। बाद में जब उसे पुलिस द्वारा अवैध तरीके से गिरफ्तारी की जानकारी मिली, तो उसने हाईकोर्ट में इन तीनों को पुलिस से छुड़ाने के लिए एक आपराधिक रिट याचिका दायर की।


वहीं, मखदुमपुर थाने में जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, वह अपहरण और हत्या से संबंधित थी और इसमें किसी को अभियुक्त नहीं बनाया गया था। इसके बाद भी जहानाबाद जिले की पुलिस ने इन तीनों को थाना हिरासत में रखा और एक को छोड़कर बाकी को पुलिस बॉन्ड पर छोड़ दिया। इसके बाद अब यह मामला कोर्ट पहुंचा।


इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में जहानाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि "जुर्माने की राशि दोषी तीनों पुलिस कर्मियों के वेतन से कटौती कर पीड़ित व्यक्तियों को एक माह के अंदर उपलब्ध कराई जाए।"


इधर, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में जहानाबाद थाना के एसएचओ दिवाकर कुमार विश्वकर्मा, मखदुमपुर थाना के एसएचओ ओम प्रकाश और जहानाबाद थाना के सहायक सब-इंस्पेक्टर प्रणव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा कि "इस मामले में इन तीनों पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ अदालती आदेश की अवमानना का मामला भी चल सकता था। लेकिन अभी उन पर केवल जुर्माना ही लगाया जा रहा है, ताकि भविष्य में इनके द्वारा ऐसी गलती दोबारा न हो।"


कोर्ट ने इस आदेश की प्रति राज्य के पुलिस महानिदेशक को भेजने का निर्देश देते हुए कहा कि "वह राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में उचित दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन न हो।" कोर्ट ने कहा कि "आए दिन यह देखने को मिलता है कि पुलिस पदाधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है, जो एक गंभीर मामला है।"