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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को अपनी प्रगति यात्रा के तहत जहानाबाद में एक नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना की घोषणा की। इससे जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी और मेडिकल शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री की इस यात्रा के दौरान बिहार में अब तक छह नए मेडिकल कॉलेजों की घोषणा की जा चुकी है। ये मेडिकल कॉलेज जहानाबाद, अररिया, बांका, खगड़िया, औरंगाबाद और नवादा जिले में स्थापित किए जाएंगे। इनमें से अररिया और खगड़िया के मेडिकल कॉलेजों को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है।
नीतीश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार की मंशा हर जिले में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाने की है, ताकि राज्य के लोगों को इलाज के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े। साथ ही बिहार के छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर न जाना पड़े। राज्य सरकार के इस कदम से बिहार के स्वास्थ्य ढांचे में बड़ा सुधार आएगा।
बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या अब बढ़कर 13 हो गई है। इसके अलावा छपरा और झंझारपुर में दो नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इनके शुरू होने से स्थानीय लोगों को इलाज के लिए पटना नहीं जाना पड़ेगा और उनके जिले में ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा नेत्र अस्पताल भी आईजीआईएमएस, पटना में खोला गया है, जिससे नेत्र रोगियों को अब बेहतर इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी कई बार कह चुके हैं कि पहले के शासन में बिहार की चिकित्सा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया। पहले राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या काफी कम थी, जिसके कारण मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को बाहर जाना पड़ता था। लेकिन अब बिहार सरकार ने हर जिले में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य रखा है।
स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के इस संकल्प के साथ नीतीश सरकार ने बिहार को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से लैस करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे राज्य के नागरिकों को अपने जिले में ही उच्च स्तरीय इलाज मिल सकेगा।