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BIHAR NEWS : पान तो बनारस का फेमस है लेकिन बिहार के कुछ जगहों के पान की विशेषता अलग ही होती है या फिर यूं कहें कि कुछ जगहों पर पान को स्पेशल माना जाता हैl खास कर मिथिला क्षेत्र में पान की महत्व की बात करें तो इस क्षेत्र में आने वाले जिले में सिर्फ एक महीने में काफी पान की खपत होती है, क्योंकि यहां के लोग पान खाने के साथ-साथ किसी भी शुभ कार्य में इसकी विशेष महत्वता को रखते हैंl मिथिलांचल के लोग कहते है जबतक यहां के लोगों का पान से ओंठ लाल ना हो तब तक सुबह नहीं होती हैl मिथिला क्षेत्र के लोग अपने मेहमानों को पान से ही मेहमान नवाजी करते हैl
दरअसल, मिथिला में पान के पत्ते को काफी पवित्र माना जाता हैl खास कर अगर हम मिथिलांचल इलाके में आने वाले दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, सीतामढ़ी सहित अन्य जिले की बात करे तो इस जिले में बड़े स्तर पर पान की खेती कर रहे रमेश कुमार भगत जिन्हें कृषि विभाग से कई बार पुरस्कृत भी लिया है। जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने बताया यहां कहीं भी किसी के यहां आप जाते हैं, तो अतिथि के रूप में सबसे पहले पान से आपका स्वागत होता है और विदाई भी पान से ही होती हैl इस इलाके के लोगो का कहना है कि पान की लाली से प्रेम बढ़ता है, इसलिए यहां के लोग अतिथि को पान से स्वागत करते हैl
इधर,मिथिला में पान की खपत की बात करे तो यहां रोजाना 50 से 60 हजार पान के पत्ते मार्केट में सप्लाई किए जाते हैं, वह भी कम पड़ जाते हैंl खास बात तो यह है कि मिथिला इलाके में शहर से लेकर गांव तक हर गली- मोहल्लें में आपको हर 10 कदम पर एक दुकान मिलेगा जिसमें पान आपको मिल ही जाएगाl क्योंकि यहां के लोग पान के काफी शौकिन और पान बड़े शौक से खाते हैंl महीने कि अगर बात करें तो 15 लाख पान के पत्ते की खपत मिथिला में हैl यहां पान की कई तरह के किस्में होती हैं जिसे यहां के लोग खाते हैंl बड़े बुजुर्ग से लेकर बच्चे और महिलाएं तक सादा और मीठा पान मुंह में चबाते हुए मिल जाएंगे।