Marine Drive : मरीन ड्राइव, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और इनलैंड वाटरवे से होगा पूर्वी बिहार में बदलाव; सरकार ने तैयार किया नए विकास का नक्शा

भागलपुर अब विकास की नई राह पर। मरीन ड्राइव, सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और इनलैंड वाटरवे से जिले को पूर्वी बिहार का प्रमुख ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक और पर्यटन हब बनने का मौका।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 10 Dec 2025 10:12:43 AM IST

Marine Drive : मरीन ड्राइव, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और इनलैंड वाटरवे से होगा पूर्वी बिहार में बदलाव; सरकार ने तैयार किया नए विकास का नक्शा

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Marine Drive : पूर्वी बिहार का ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण जिला भागलपुर अब विकास और तामीरात के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है। लंबे समय से विकास की राह पर कदम बढ़ाने की प्रतीक्षा कर रहा यह जिला अब बड़े पावर प्रोजेक्ट के बाद लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की तीन नायाब और अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौग़ात मिलने जा रही है। ये तीन परियोजनाएं हैं—मुंगेर–भागलपुर मरीन ड्राइव, सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, और हल्दिया से बनारस तक इनलैंड वाटरवे। अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं के मुकम्मल होते ही भागलपुर पूरे पूर्वी बिहार का ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक और पर्यटन हब बनकर उभरेगा।


भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि गंगा किनारे मुंगेर से भागलपुर तक 8500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला मरीन ड्राइव दो चरणों में पूरा होगा। यह परियोजना न केवल सड़क यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि गंगा तट के सुरम्य नज़ारे और पर्यटन को भी नई रफ़्तार देगी। भूमि अधिग्रहण को लेकर दोनों जिलों के प्रशासन से प्रस्ताव मांगे जा चुके हैं और बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। जिले के प्रशासन का मानना है कि मरीन ड्राइव पूरी होने के बाद यात्रियों और पर्यटन उद्योग को विशेष लाभ मिलेगा।


सुल्तानगंज में बनने वाला ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट भी अब पूरी गंभीरता से जमीन पर उतरने को तैयार है। इस परियोजना के शुरुआती चरण के लिए 432.32 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने उड़ान और लैंडिंग पाथ से जुड़ी तकनीकी रिपोर्टें मांगी हैं। अधिकारियों का कहना है कि एयरपोर्ट बनने के बाद धार्मिक पर्यटन, व्यापार और कनेक्टिविटी में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होगा। सुल्तानगंज ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को धार्मिक और व्यापारिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी एक आसान कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा।


इसी तरह हल्दिया से बनारस तक इनलैंड वाटरवे (IWD) का विकास कार्य भी तेज़ी से जारी है। IWD के रीजनल डायरेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि जलमार्ग के माध्यम से माल ढुलाई सस्ती होगी, सड़क यातायात का बोझ कम होगा, नदी किनारे कटाव को रोका जा सकेगा और गर्मी के मौसम में जलसंकट पर क़ाबू पाया जा सकेगा। इस परियोजना से व्यापार और पर्यटन दोनों में नई जान आने की पूरी संभावना है। जलमार्ग परियोजना के जरिए न केवल माल परिवहन में लागत कम होगी, बल्कि नदी किनारे बसे गांवों के विकास में भी मदद मिलेगी।


भागलपुर के विकास के लिए ये तीन परियोजनाएं अत्यंत अहम मानी जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि मरीन ड्राइव, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और इनलैंड वाटरवे के मुकम्मल होने के बाद भागलपुर पूर्वी बिहार का प्रमुख ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक हब बन जाएगा। जिले के पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल भी इससे नई पहचान पाएंगे। गंगा किनारे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और नए व्यापारिक अवसर उत्पन्न होंगे।


विशेषज्ञों का मानना है कि ये परियोजनाएं भागलपुर के आर्थिक और सामाजिक विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। मरीन ड्राइव से गंगा किनारे सैर-सपाटे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, एयरपोर्ट से यात्रियों और व्यापारियों को तेज़ और आसान कनेक्टिविटी मिलेगी, और जलमार्ग से व्यापारिक माल की आवाजाही सस्ती और सुगम होगी। इससे न केवल जिले की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि लोगों की जीवन गुणवत्ता में भी सुधार होगा।


अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन परियोजनाओं के साथ-साथ जिले में नए रोजगार अवसर पैदा होंगे। निर्माण कार्य में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इसके अलावा, पर्यटन और लॉजिस्टिक हब बनने से होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन और अन्य सेवाओं के क्षेत्र में भी रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।


भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि प्रशासन इन परियोजनाओं के साथ-साथ स्थानीय लोगों के हितों और विकास को भी ध्यान में रख रहा है। मरीन ड्राइव, एयरपोर्ट और जलमार्ग के विकास से जिले का भविष्य पूरी तरह बदल जाएगा। यह जिला न केवल पूर्वी बिहार में आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनेगा, बल्कि पर्यटकों और व्यापारियों के लिए भी आकर्षक केंद्र बनकर उभरेगा।


इन परियोजनाओं के मुकम्मल होने के बाद भागलपुर को पूर्वी बिहार का ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक और टूरिज़्म हब बनने की दिशा में एक ठोस पहचान मिलेगी। जिले का इतिहास और सांस्कृतिक विरासत अब आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ जुड़ेगी, जिससे यह क्षेत्र तेजी से तरक़्क़ी की राह पर आगे बढ़ेगा।