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1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Fri, 25 Jul 2025 03:52:36 PM IST
वीडियो वायरल - फ़ोटो REPOTER
BEGUSARAI: बेगूसराय के सदर अस्पताल में उस वक्त एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला जब एक वेल्डिंग मिस्त्री की करंट लगने से मौत के बाद परिजन उसे जीवित करने की कोशिश करने लगे। करीब एक घंटे तक पूरे शरीर में आटा लगाकर बेलन की मदद से मालिश करने लगे। अंधविश्वास का यह खेल सदर अस्पताल में चलता रहा।
इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, लेकिन परिजनों के लाख प्रयास के बावजूद युवक जीवित नहीं हो सका। तभी किसी ने सदर अस्पताल में हो रहे इस अंधविश्वास के खेल का वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
हाईटेंशन तार की चपेट में आया मनीष
मृतक की पहचान मनीष कुमार के रूप में हुई है, जो ललन शर्मा का 25 वर्षीय पुत्र था। वह अपनी दुकान पर बेल्डिंग का काम करता था। मनीष एक टैंकर के ऊपर चढ़कर वेल्डिंग का काम कर रहा था, तभी वह हाईटेंशन बिजली के तार के संपर्क में आ गया और करंट लगने से उसकी मौत हो गई। घटना रिफाइनरी थाना क्षेत्र के गेट नंबर 10 मोसाद पुर देवना के पास की है।
सदर अस्पताल में अंधविश्वास का खेल!
इस घटना के बाद परिजनों ने मनीष को बेगूसराय के एक निजी अस्पताल में ले गये जहां के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन उसे सदर अस्पताल में ले गये। वहां के डॉक्टर ने भी मृत घोषित कर दिया। इसके बावजूद परिजनों ने सदर अस्पताल परिसर में जिंदा करने की कोशिश करने लगे। सदर अस्पताल में अंधविश्वास का खेल चलता रहा। परिजनों ने मृतक के पूरे शरीर पर आटा और नाइसिल पाउडर लगाया और बेलन से मालिश करना शुरू कर दिया। जो कि एक चौंकाने वाला दृश्य था। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गयी। एक घंटे तक सदर अस्पताल में अंधविश्वास का खेल चलता रहा लेकिन परिजन मनीष को जिंदा करने में असफल रहे।
परिजनों का सदर अस्पताल के डॉक्टर पर गंभीर आरोप
परिजनों ने सदर अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सही तरीके से इलाज नहीं किया गया, आरोप है कि अस्पताल में इलाज के लिए गुहार लगाने के बावजूद किसी ने उनकी नहीं सुनी, जिससे मनीष की मौत हो गई। इस घटना ने अस्पताल में इलाज की व्यवस्था और परिजनों के अंधविश्वास को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना की सूचना मिलते ही रिफाइनरी थाने की पुलिस सदर अस्पताल पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है।
अस्पताल प्रशासन ने परिजनों के आरोप को बताया बेबुनियाद
इस संबंध में सिविल सर्जन अशोक कुमार ने बताया कि युवक करंट लगने के बाद पहले से ही मृत अवस्था में अस्पताल आया था। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि परिजनों द्वारा पुरानी परंपरा के तहत किए गए कार्यों का अस्पताल प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है, यह परिजनों का विश्वास था। सिविल सर्जन के बयान से यह स्पष्ट होता है कि अस्पताल प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और युवक को मृत घोषित कर दिया। परिजनों द्वारा किए गए अंधविश्वास के कार्यों को अस्पताल प्रशासन की लापरवाही नहीं माना जा सकता है। ऐसी घटनाएं अक्सर सुरक्षा उपायों की कमी और लापरवाही के कारण होती हैं। बेगूसराय में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें करंट लगने से लोगों की मौत हुई है। प्रशासन और बिजली विभाग को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए। अंधविश्वास शिक्षा की कमी के कारण होती हैं। लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। ऐसी घटनाओं में अंधविश्वास के बजाय वैज्ञानिक तरीकों को अपनाना चाहिए।