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28-Feb-2025 08:00 AM
By First Bihar
Vinayak Chaturthi: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है और भक्तगण व्रत रखते हैं। इस वर्ष 03 मार्च 2025 को विनायक चतुर्थी का शुभ पर्व मनाया जाएगा। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और ऋद्धि-सिद्धि के दाता के रूप में पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गणपति बप्पा की आराधना करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं, आर्थिक तंगी समाप्त होती है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपने सौभाग्य और परिवार की खुशहाली के लिए इस व्रत को रखती हैं।
विनायक चतुर्थी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त:
व्रत तिथि आरंभ: 02 मार्च 2025, रात 10:15 बजे
व्रत तिथि समाप्त: 03 मार्च 2025, रात 08:45 बजे
पूजा का शुभ मुहूर्त: प्रातः 07:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
विनायक चतुर्थी व्रत एवं पूजा विधि:
स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें और उन्हें गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
रोली, अक्षत, दूर्वा, फूल, मोदक और धूप-दीप से गणेश जी की पूजा करें।
गणपति बप्पा के मंत्रों का जाप करें और गणेश चालीसा का पाठ करें।
व्रत कथा का श्रवण करें और आरती करें।
अंत में, गणेश जी को भोग लगाकर प्रसाद का वितरण करें।
संध्या समय चंद्रमा के दर्शन करने से बचें, क्योंकि इस दिन चंद्रदर्शन वर्जित होता है।
गणपति के शुभ मंत्र:
सुब्रमन्य मंत्र:ईश्वर्य गणेशाय नमः(ॐ गणेशाय नमः)
विघ्नों को दूर करने वाला मंत्र:ओं वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ(ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।)
अर्थिक तङ्ग का जाप:ओं श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।।
विनायक चतुर्थी व्रत का महत्व:
सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
घर-परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
कार्य में सफलता प्राप्त होती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं।
मानसिक शांति और बुद्धि का विकास होता है।
उपसंहार: विनायक चतुर्थी भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करने और गणपति मंत्रों का जाप करने से सभी संकट दूर होते हैं। जो लोग विघ्न, ऋण, आर्थिक तंगी, या अन्य किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, उन्हें इस दिन सच्चे मन से गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इस पावन पर्व पर गणपति बप्पा की आराधना करें और अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भरें!