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14-Jan-2025 07:20 AM
Pran Pratistha: रामनगरी अयोध्या में आयोजित तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिकोत्सव का आज समापन हो गया। यह कार्यक्रम राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग छह लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रामलला के आशीर्वाद के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने इस पवित्र आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि इस आयोजन को अब एक विशिष्ट धार्मिक महोत्सव के रूप में मनाने की योजना बनाई जा रही है। भविष्य में इसे ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। जैसे रामनवमी और कृष्ण जन्माष्टमी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, उसी तरह प्रतिष्ठा द्वादशी को भी विशेष रूप से मनाने की योजना है। इस वर्ष प्रतिष्ठा द्वादशी तीन दिवसीय थी, लेकिन आने वाले समय में इसे और बड़े स्तर पर मनाने के प्रयास किए जाएंगे।
प्राचीन विधियों से पूजा और अभिषेक
इस पवित्र अवसर पर भगवान राम का महाअभिषेक और पूजन किया गया। इस अभिषेक के दौरान चारों वेदों का पारायण किया गया, क्योंकि भगवान राम को वेदों के मंत्र अत्यधिक प्रिय हैं। इस आयोजन की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के रूप में की गई। मंदिर परिसर में वैदिक हवन और यज्ञ का आयोजन भी किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इसके अतिरिक्त, अयोध्या के स्थानीय राम कथा वाचकों ने प्रभु राम के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों पर आधारित कथाएं सुनाई। देर शाम मंदिर परिसर में राग सेवा का आयोजन किया गया, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव था।
श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
इस भव्य आयोजन में पहले दिन 2 लाख 11 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए, और कार्यक्रम के अंतिम दिन तक यह आंकड़ा औसतन दो लाख के आसपास बना रहा। कुल मिलाकर तीन दिनों में लगभग छह लाख श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर रामलला का आशीर्वाद लिया।
भविष्य में और बड़े आयोजन की योजना
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, आगामी वर्षों में प्रतिष्ठा द्वादशी के आयोजन को और अधिक भव्य बनाने का विचार किया गया है। इस आयोजन को लेकर ट्रस्ट की योजना है कि इसे पूरे देश और दुनिया में एक प्रमुख धार्मिक उत्सव के रूप में स्थापित किया जाए, जैसे रामनवमी और कृष्ण जन्माष्टमी को मनाया जाता है।
राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा उत्सव न केवल अयोध्या, बल्कि सम्पूर्ण हिंदू धर्मावलंबियों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्थाओं का प्रतीक भी है। भविष्य में यह आयोजन और भी भव्य रूप में मनाया जाएगा, जिससे रामलला के प्रति श्रद्धा और आस्था को और बढ़ावा मिलेगा।