ब्रेकिंग न्यूज़

Patna Crime News: पटना में BSF जवान का बेटा पिछले 10 दिनों से लापता, अनहोनी की आशंका से सहमे परिजन Patna Crime News: पटना में BSF जवान का बेटा पिछले 10 दिनों से लापता, अनहोनी की आशंका से सहमे परिजन लोकसभा में पेश हुआ राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, ऑफिस के बाद बॉस का फोन न उठाने का मिलेगा अधिकार 30 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में विक्रम भट्ट गिरफ्तार, मुंबई और राजस्थान पुलिस की संयुक्त कार्रवाई पावर स्टार को लॉरेंस गैंग ने दी जान से मारने की धमकी, कहा- सलमान खान के साथ दिखे तो अंजाम बुरा होगा Patna News: बिहार में दूध उत्पादन को बढ़ाने की तैयारी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुधा डेयरी प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया Patna News: बिहार में दूध उत्पादन को बढ़ाने की तैयारी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुधा डेयरी प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया Bihar Electricity Rate Hike: बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता है जोर का झटका, पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने दरों में वृद्धि का भेजा प्रस्ताव Bihar Electricity Rate Hike: बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को लग सकता है जोर का झटका, पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने दरों में वृद्धि का भेजा प्रस्ताव Vaishali Express : नाम और नंबर बदला, किराया घटा; वैशाली सुपरफास्ट अब सामान्य एक्सप्रेस

Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसियों को हम तंग नहीं करते लेकिन दंड देना राजा का कर्तब्य’ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत अपने पड़ोसियों को तंग नहीं करता है लेकिन अगर ऐसा हो रहा है तो देश की सरकार को कठोर कदम उठाना चाहिए.

Mohan Bhagwat

26-Apr-2025 07:57 PM

By FIRST BIHAR

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत की शास्त्रार्थ परंपरा सत्य को सहमति से स्थापित करने की परंपरा है। इसी उद्देश्य से हिंदू मैनिफेस्टो प्रस्तावित किया गया है—यह एक प्रमाणिक पुस्तक है, जो व्यापक चर्चा और सहमति के लिए प्रस्तुत की गई है।


भागवत ने कहा कि भारत की प्राचीन दृष्टि पर आधारित जीवन व्यवस्था को फिर से स्थापित करना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही पुस्तक के आठ सूत्र पूर्ण हैं, लेकिन उनके भाष्य समय और परिस्थिति के अनुसार बदल सकते हैं।


उन्होंने कहा कि पिछले 1500 वर्षों में कोई नया शास्त्र नहीं आया, जिसका परिणाम जाति व्यवस्था जैसे दोषों के रूप में सामने आया। आज वेदों के सही भाष्य की आवश्यकता है, क्योंकि शास्त्रों में जाति या अस्पृश्यता का कोई स्थान नहीं है—जैसा उडुपी के संत समाज ने भी कहा है।


भागवत ने यह भी कहा कि भौतिक सुख तो बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही असमानता और पर्यावरणीय क्षति भी बढ़ी है। ऐसे में भारत का यह कर्तव्य है कि वह दुनिया को एक नया, संतुलित मार्ग दिखाए। उन्होंने बताया कि 2000 वर्षों के आस्तिक, नास्तिक और जड़वादी प्रयोग असफल रहे हैं।


धर्म के विषय में उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे केवल कर्मकांड तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए। धर्म का अर्थ है सत्य, करुणा और सुचिता। उन्होंने यह भी कहा कि अहिंसा हमारा स्वभाव है, लेकिन आततायियों को दंड देना भी धर्म का ही अंग है। राजा का यह कर्तव्य है कि वह उपद्रव करने वालों को दंड दे और भ्रष्टाचारियों को न छोड़े।


अंत में उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अपने धर्म को समझने की आवश्यकता है। हिंदू मैनिफेस्टो शास्त्रार्थ के माध्यम से शुद्ध परंपरा को उजागर करेगा और समयानुसार उसके स्वरूप को पुनः स्थापित करेगा। यह पुस्तक केवल भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए है, और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए।