ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा Bihar Assembly Elections 2025 : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 21 अक्टूबर से करेंगे चुनावी रैलियों की शुरुआत, मीनापुर और कांटी में सभाएं Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Success Story: पिता के निधन के बाद भी नहीं टूटा हौसला, दिव्या तंवर पहले बनीं IPS, फिर बन गईं IAS अधिकारी; जानिए सफलता की कहानी Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले VIP के बड़े नेता ने दिया इस्तीफा, मुकेश सहनी पर पैसे लेकर टिकट बेंचने का आरोप Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले VIP के बड़े नेता ने दिया इस्तीफा, मुकेश सहनी पर पैसे लेकर टिकट बेंचने का आरोप

BPSC के पूर्व अध्यक्ष पर चलेगा घोटाले का मुकदमा: दिल्ली की कोर्ट ने सीबीआई को केस दर्ज करने की मंजूरी दी

2020 से 2022 तक BPSC के अध्यक्ष रहे आरके महाजन घोटाले के मामले में फंसे हैं. उनके BPSC अध्यक्ष रहते ही पेपर लीक हुआ था. वैसे फिलहाल वे रेलवे के बहुचर्चित लैंड फॉर जॉब मामले में फंसे हैं.

BPSC EX. CHAIRMAN

30-Jan-2025 02:43 PM

By FIRST BIHAR

PATNA: बिहार लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष आर के महाजन पर घोटाले का मुकदमा चलेगा. सीबीआई की अर्जी पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इसकी मंजूरी दे दी है. आरके महाजन के बिहार लोक सेवा आयोग यानि BPSC के अध्यक्ष रहते पेपर लीक से लेकर दूसरी कई गड़बड़िया सामने आयी थीं. हालांकि बिहार सरकार ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. लेकिन, विवादास्पद अधिकारी आरके महाजन घोटाले के दूसरे मामले में फंस गये हैं.


रेलवे के लैंड फॉर जॉब घोटाले में फंसे महाजन

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने रिटाय़र्ट आईएएस अधिकारी आरके महाजन पर रेलवे के बहुचर्चित लैंड फॉर जॉब घोटाले में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. ये वही मामला है जिसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं. आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते अवैध तरीके से रेलवे के ग्रुप डी की ताबड़तोड़ नौकरियां बांटी. नौकरी पाने वाले लोगों से लालू परिवार के नाम जमीन रजिस्ट्री करायी गयी.


इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी आर के महाजन के खिलाफ भी मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. हालांकि 16 जनवरी को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसकी अनुमति नहीं दी थी. कोर्ट ने सुनवाई के लिए 30 जनवरी की तारीख तय की थी. आज सीबीआई का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने महाजन को इस घोटाले में अभियुक्त बनाने की मंजूरी दे दी.


लालू के खास रहे हैं आरके महाजन

आईएएस की नौकरी के दौरान आरके महाजन को लालू प्रसाद यादव के सबसे करीबी अधिकारियों में से एक माना जाता था. 2004 से 2009 के दौरान जब केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार में जब लालू प्रसाद रेल मंत्री बने तो वे बिहार कैडर के आईएएस आरके महाजन को अपने साथ रेल मंत्रालय में ले गये थे. वे लालू यादव के पीएस होने के साथ साथ रेल भवन में जन शिकायत कोषांग के कार्यकारी निदेशक बनाए गए थे. 2015 में जब बिहार में पहली दफे नीतीश और लालू ने साझा सरकार बनायी थी तो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव  स्वाास्य्ा   मंत्री बनाये गये थे. लालू यादव ने खास तौर पर आरके महाजन को स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनवाय़ा था.


सीबीआई ने कहा-घोटाले में शामिल हैं महाजन

रेलवे में लैंड फॉर जॉब मामले की जांच कर रही सीबीआई का आरोप है कि रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के खेल में आरके महाजन भी शामिल थे. रेल भवन में तैनाती के दौरान उन्होंने इस घोटाले में अहम रोल निभाया. वे तत्कालीन मंत्री लालू प्रसाद यादव के अवैध कामों को अंजाम दे रहे थे. लिहाजा उनके खिलाफ भी केस चलना चाहिये. कोर्ट ने सीबीआई की दलीलों को मान लिया है. 


बीपीएससी चेयरमैन रहते विवादों में रहे महाजन

दिलचस्प बात ये भी है कि आरके महाजन न सिर्फ लालू प्रसाद यादव बल्कि नीतीश कुमार के भी कृपा पात्र रहे. नीतीश जब बीजेपी के साथ सरकार चला रहे थे तब भी आर के महाजन को अहम पदों पर तैनात किया गया. नीतीश ने 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी आरके महाजन को अपने रिटायरमेंट तक शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बना कर रखा थे. शिक्षा विभाग में महाजन की तैनाती के दौरान कई विवाद हुए लेकिन आरके महाजन पर कोई असर नहीं पड़ा.


रिटायरमेंट के दिन बना दिये बीपीएससी चेयरमैन

आरके महाजन 31 अगस्त 2020 को आईएएस की नौकरी से रिटायर हुए . रिटायर होने के बाद उसी दिन नीतीश कुमार ने उन्हें उसी दिन बड़ा पद दे दिया. राज्य  सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर उन्हें  एक सितंबर 2020 से बीपीएससी का चेयरमैन (BPSC Chairman) बना दिया. 


BPSC में हुआ था पेपर लीक

आरके महाजन के बीपीएससी अध्यक्ष रहते बड़ा कांड हुआ. बीपीएससी की संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. 2022 में बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक हुआ था. अभ्यर्थियों के भारी हंगामे के बाद प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करना पड़ा था. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया. लेकिन आरके महाजन का बाल बांका नहीं हुआ. वे आराम से तय समय सीमा तक बीपीएससी के अध्यक्ष बने रहे. 


लैंड फॉर जॉब घोटाला में लालू परिवार आरोपी

बता दें कि रेलवे के लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू परिवार के पांच सदस्य आरोपी हैं. इस केस में 7 आरोपी हैं. हालांकि 7 अक्टूबर 2023 को हुई सुनवाई में लालू परिवार के सदस्यों के साथ साथ सभी 9 आरोपियों को जमानत मिल गई थी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी को 1-1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी और पासपोर्ट सरेंडर करने का निर्देश दिया था. इस मामले में 20 जनवरी 2024 को ईडी की दिल्ली और पटना टीम ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी, जबकि तेजस्वी यादव से 30 जनवरी को करीब 10-11 घंटे तक पूछताछ की गई थी.


रिश्वत में लिया था दिल्ली में बंगला

लालू परिवार पर आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई. इसमें मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों की संलिप्तता बताई जा रही है. तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये का बंगला कौड़ी के मोल ले लिया था. ये भी रेलवे के लैंड फॉर जॉब मामले का खेल था.


2021 में शुरू हुई थी जांच

लैंड फ़ॉर जॉब मामले की जांच में सीबीआई को जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले हैं, जहां उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी तब मिली जब उनके परिवार ने लालू परिवार के नाम अपनी जमीन रजिस्ट्री कर दी. सीबीआई ने इस मामले की प्रारंभिक जांच 2021 में शुरू की और सबूत मिलने के बाद आधिकारिक तौर पर केस दर्ज किया. इस घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं, जिन पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चल रही है.