Bihar Winter Session 2025 : बिहार विधान परिषद का शीतकालीन सत्र 3 से 5 दिसंबर तक, जानिए क्या रहेगा इस बार मुख्य एजेंडा Khesari Lal Yadav: चुनाव हारने के बाद राम की भक्ति में लीन हुए खेसारी लाल यादव, परिवार संग की पूजा-अर्चना Bihar Government : बिहार सरकार का डिजिटल एक्शन, साइबर फ्रॉड पर सख्ती; जेल से लेकर सोशल मीडिया तक निगरानी Hajipur Chhapra Route : छपरा-हाजीपुर मार्ग पर भारी वाहनों पर रोक, इस रास्ते से गुजरेंगे छोटे वाहन कोडरमा स्टेशन पर GRP की बड़ी कार्रवाई, 40 लाख कैश के साथ बिहार का युवक गिरफ्तार Lalu Yadav : 'किसी हाल में राबड़ी आवास खाली नहीं करेंगे...', बोले प्रदेश अध्यक्ष - 20 साल में क्यों नहीं किया ऐसा काम; सरकार के नोटिस पर भड़की पार्टी D.El.Ed Entrance Exam 2025 : डीएलएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2025 का रिजल्ट घोषित, इतने स्टूडेंट को मिली सफलता; इस दिन से शुरू होगा एडमिशन Bihar News : पति के अवैध संबंध का विरोध किया तो रचा ली दूसरी शादी, पत्नी को ससुराल ने घर से निकाला education department inquiry : समस्तीपुर में शिक्षक पर छात्र को पीटने का आरोप, स्टूडेंट का हाथ टूटा; मचा बवाल road accident in patna : तेज रफ्तार हाइवा ने ली एक की जान, चार गंभीर; सुबह-सुबह फोरलेन पर मचा हड़कंप
26-Nov-2025 04:07 PM
By First Bihar
Bihar Winter Session 2025 : बिहार की राजनीति में दिसंबर का पहला हफ्ता बेहद अहम होने वाला है। बिहार विधान परिषद और बिहार विधानसभा, दोनों का शीतकालीन सत्र औपचारिक रूप से अधिसूचित कर दिया गया है। इस बार विधान परिषद का सत्र 03 दिसंबर से 05 दिसंबर 2025 तक चलेगा, जबकि विधानसभा का सत्र 01 दिसंबर से 05 दिसंबर तक निर्धारित किया गया है। इन सत्रों में नए विधायकों की शपथ से लेकर राज्यपाल का अभिभाषण, धन्यवाद प्रस्ताव, वित्तीय कार्यवाही और द्वितीय अनुपूरक व्यय-विवरणी जैसे प्रमुख कार्य शामिल होंगे।
विधान परिषद का शीतकालीन सत्र: 3 से 5 दिसंबर तक
जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार विधान परिषद का शीतकालीन सत्र कुल दो दिनों का होगा। इस बार परिषद का सत्र अपेक्षाकृत छोटा जरूर है, लेकिन कार्यसूची काफी महत्वपूर्ण रखी गई है।
पहला दिन – 03 दिसंबर 2025
पहले दिन बुधवार को सुबह 11:30 बजे बिहार विधान मंडल के विस्तारित भवन के सेन्ट्रल हॉल में विधान परिषद और विधान सभा की संयुक्त बैठक आयोजित होगी। इस संयुक्त सत्र में माननीय राज्यपाल का अभिभाषण होगा, जो परंपरागत रूप से सत्र की औपचारिक शुरुआत माना जाता है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद, सत्र के दौरान राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियों को पटल पर रखा जाएगा (यदि हो)। इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2025-26 की द्वितीय अनुपूरक व्यय-विवरणी का उपस्थापन भी किया जाएगा।पहले दिन शोक प्रस्ताव भी रखा जा सकता है, यदि सदन इस संबंध में निर्णय लेता है।
दूसरा दिन – 04 दिसंबर 2025
गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सामान्य वाद-विवाद होगा। सरकार की ओर से अभिभाषण पर विस्तृत उत्तर दिया जाएगा। इस सत्र में राजनीतिक बहस की संभावना अधिक रहेगी, क्योंकि विपक्ष राज्यपाल के अभिभाषण के जरिये सरकार पर सवाल खड़ा कर सकता है।
तीसरा दिन – 05 दिसंबर 2025
सत्र के अंतिम दिन द्वितीय अनुपूरक व्यय-विवरणी पर सामान्य वाद-विवाद और सरकार का उत्तर होगा। इसके बाद विनियोग विधेयक से संबंधित कार्यवाही पूरी की जाएगी, जिसके साथ ही परिषद का शीतकालीन सत्र समाप्त होगा।
बिहार विधानसभा का कार्यक्रम: 1 दिसंबर से 5 दिसंबर तक
पहला दिन – 01 दिसंबर 2025
सोमवार को सत्र की शुरुआत नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ या प्रतिज्ञान ग्रहण से होगी। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार सभी सदस्य एक साथ एक ही सदन में औपचारिक रूप से शामिल होंगे।
दूसरा दिन – 02 दिसंबर 2025
मंगलवार को बिहार विधानसभा के अध्यक्ष का निर्वाचन होगा। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि विधानसभा का संचालन अध्यक्ष की भूमिका पर निर्भर करता है।
तीसरा दिन – 03 दिसंबर 2025
यह दिन विधान परिषद की तरह ही महत्वपूर्ण रहेगा। सवेरे 11:30 बजे दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें राज्यपाल का अभिभाषण प्रस्तुत होगा। इसके साथ ही–राज्यपाल द्वारा जारी अध्यादेशों की प्रतियां पटल पर रखी जाएंगी। द्वितीय अनुपूरक व्यय-विवरणी का उपस्थापन किया जाएगा। शोक प्रकट करने की प्रक्रिया भी शामिल हो सकती है।
चौथा दिन – 04 दिसंबर 2025
गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होगी। इस दौरान सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखी जा सकती है। सरकार भी सदन के माध्यम से अपने कार्यक्रमों और योजनाओं को प्रस्तुत करेगी।
पाँचवाँ दिन – 05 दिसंबर 2025
सत्र के अंतिम दिन सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 की द्वितीय अनुपूरक व्यय-विवरणी पर वाद-विवाद, मतदान और विनियोग विधेयक पारित करने की कार्यवाही होगी। इसके साथ ही विधानसभा सत्र का समापन हो जाएगा।
इस शीतकालीन सत्र की खासियत यह है कि नई सरकार गठन के बाद यह पहला पूर्ण सत्र होगा। राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार की प्राथमिकताओं, नीतियों और विकास योजनाओं का खाका सामने आएगा। वहीं विपक्ष भी इस मंच का उपयोग सरकार को घेरने के लिए करेगा। वित्तीय कार्यवाही और अनुपूरक व्यय-विवरणी सरकार की विकासात्मक योजनाओं को गति देगी। दोनों सदनों में होने वाले बहस-मुबाहिसे प्रदेश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करेंगे। दिसंबर का यह सत्र बिहार की राजनीति और प्रशासनिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।