अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त Bihar News: 351 फीट का अनोखा कांवर लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे शिवभक्त, बाबा गरीबनाथ धाम में करेंगे जलाभिषेक दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल कंकड़बाग में युवक पर चाकू से हमला, आपसी रंजिश का मामला; तीन आरोपी गिरफ्तार समाजसेवी अजय सिंह ने बाढ़ प्रभावित जवैनिया गांव का किया दौरा, राहत सामग्री का किया वितरण
07-Apr-2020 01:07 PM
By PRIYARANJAN SINGH
SUPAUL : सुपौल में भारत-नेपाल सीमा से सटे भीम नगर और बसंतपुर पंचायत इलाके में एक बार फिर नेपाली जंगली हाथियों ने कई एकड़ में लगी मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाया है। नेपाल से आने वाले जंगली हाथी यहां के लोगों को कई दशकों से नुकसान पहुंचा रहे हैं और वन विभाग आज तक इसका कोई हल नहीं निकाल सका है।लोगों का आरोप है कि जानबूझ कर नेपाली सैनिक बार्डर से इन हाथियों को भारत में प्रवेश करने देते हैं। ये हाथी बिना रोक-टोक किसी शराब तस्कर या अपराधी की तरह भारत की सीमा में घुस रहे हैं।
रात का समय हो या अहले सुबह का उन्मुक्त होकर यह जंगली हाथी नेपाल की सीमा से भारत के इन इलाकों में प्रवेश कर जाते हैं और कई घंटे तक उत्पात मचाने के बाद फिर अपने इलाके में लौट जाते हैं। मंगलवार को भी अहले सुबह नेपाल से करीब 4 जंगली हाथी भीम नगर और बसंतपुर की सीमा में प्रवेश कर वहां कई एकड़ में लगे मक्के की फसल को पूरी तरीके से नष्ट कर दिया ।इस दौरान लोगों के द्वारा हल्ला मचाने और आग जलाने के बाद हाथी नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गया।
यह पहली दफा नहीं है इससे पूर्व भी इस इलाके में नेपाली हाथी का उत्पात जारी रहा है कई बार नेपाल के अधिकारी और भारत के अधिकारियों के बीच इस विषय को लेकर वार्ता भी हुई लेकिन आज तक कोई हल नहीं निकल सका है स्थानीय लोग बताते हैं जान बूझकर नेपाली सैनिक हाथियों को इलाके में प्रवेश करने देते हैं ताकि फसलों को नुकसान पहुंचा सके । दरअसल इंडो नेपाल बॉर्डर पर 'नो मेन्स लैंड' में आज तक बैरेकेटिंग नहीं की जा सकी है जिसका नतीजा है शराब को तस्करी हो,अपराधियों को भागना हो या नेपाली हाथियों का उत्पात इस इलाके में एक जीवन चर्या बन गयी है।