आतंकी हमले के खिलाफ छातापुर में कैंडल मार्च, यह निर्दोष लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा पर हमला है: संजीव मिश्रा सीतामढ़ी में ट्रांसजेंडर से अवैध संबंध के चलते युवक की हत्या, पूजा समेत चार आरोपी गिरफ्तार Pahalgam Terror Attack: अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से वापस लौट गई शैतान सिंह की बारात, बेकार गया 4 साल लंबा इंतजार IAS अधिकारी KK पाठक की बिहार से विदाई, अब केंद्र में निभाएंगे नई जिम्मेदारी Paghalgam Terror Attack: भारत इस दिन कर सकता है पाकिस्तान पर हमला, पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त का बड़ा दावा बिहार में समलैंगिक विवाह का मामला: 3 बच्चों की मां ने नाबालिग लड़की से की शादी Pahalgam Terror Attack: “चलो मंदिर चलते हैं”, कैसे भगवान शिव के आशीर्वाद ने बचा ली इस कपल की जान, पढ़कर आप भी कहेंगे “हर हर महादेव” हाजीपुर-शाहपुर पटोरी-बरौनी-मानसी के रास्ते दानापुर और सहरसा के बीच चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन का विस्तार, 29 अप्रैल से सुपौल तक परिचालन बिहार में भीषण गर्मी का सितम: औरंगाबाद में पारा 46.2 डिग्री पार, पटना के संपतचक में 45.7 °C, रात में बारिश होने की संभावना Mohan Bhagwat: ‘पड़ोसियों को हम तंग नहीं करते लेकिन दंड देना राजा का कर्तब्य’ RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान
05-Apr-2023 04:19 PM
By First Bihar
DESK: सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस समेत 14 राजनीतिक दलों को बड़ा झटका लगा है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल को लेकर सभी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका सुनवाई योग्य नहीं माना है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उसे खारिज कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद सभी 14 विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस समेत 14 विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से इसपर एक्शन लेने की मांग की थी। इस याचिका के जरिए 14 विपक्षी दलों ने आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का विपक्षी नेताओं के खिलाफ गलत इस्तेमाल कर रही। इसको रोकने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई लेकिन कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ गई।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण ने कहा कि ये मामला सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सामान्य सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है राजनेता आम इंसान से बढ़कर नहीं है। उन्होंने कहा है कि देश में नेताओं के लिए अलग नियम नहीं हो सकते हैं, इसी वजह से इस याचिका पर सुनवाई संभव नहीं। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया और विपक्षी दलों को अपनी याचिका वापस लेने पड़ी।
बता दें कि 24 मार्च को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, जनता दल यूनाइटेड, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव) नेशनल कॉन्फ्रेंस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी सीपीआई, सीपीएम, डीएमके समेत अन्य की तरफ से याचिका दायर हुई थी। जिसमें कहा गया था कि लोकतंत्र खतरे में है और केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।