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05-Feb-2021 12:24 PM
PATNA : सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर द्वारा किये गए ट्वीट से बिहार के राजनीतिक गलियारे में घमासान शुरू हो गया है. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने अपने एक बयान में सचिन को भारत रत्न दिए जाने की बात पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत के दौरान शिवानंद तिवारी ने कहा कि देश में जो किसान आंदोलन चल रहा है उसे लेकर ट्विटर पर राजनीति होनी शुरू हो गई है. सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है तो उन्हें अपनी गरिमा बनाकर रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस शख्स को भारत रत्न दिया गया है वह तरह तरह के उत्पादों का प्रचार करता है और मॉडल बन गया है जो कि भारत रत्न का अपमान है.
शिवानंद तिवारी बोले कि जिन विदेशियों ने भी भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किया है, उन्हें साजिश बताते हुए अपना बचाव में सरकार ने सचिन तेंदुलकर को उतार दिया है. सचिन तेंदुलकर जैसे लोगों से बयान दिलवाकर सरकार क्या चाहती है कि दुनिया अपनी आंखों पर पट्टी बांध ले. उन्होंने कहा कि अब सोशल मीडिया का जमाना है, किसी के रोकने से अब कोई नहीं रुकने वाला है, दुनिया काफी आगे बढ़ चुकी है. अगर कहीं कुछ गलत होगा तो उसके खिलाफ दुनिया भर में आवाज़ जरूर उठाई जाएगी.
आपको बता दें कि सचिन ने किसान आंदोलन को ग्लोबल प्रोपेगेंडा बताते हुए अपनी टिप्पणी दी थी और भारत के मामले में विदेशियों को प्रतिक्रिया न देने की सलाह दी थी. लेकिन सचिन को इस मामले में बोलना भारी पड़ा. उन्हें सोशल मीडिया पर लोग जमकर ट्रोल करे रहे हैं और उनपर सरकार के पक्ष में बैटिंग करने का आरोप लगा रहे हैं.
India’s sovereignty cannot be compromised. External forces can be spectators but not participants.
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) February 3, 2021
Indians know India and should decide for India. Let's remain united as a nation.#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda
दरअसल किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए अमेरिकी पॉप गायिका रिहाना के साथ-साथ पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग समेत कई प्रमुख हस्तियां एवं कार्यकर्ताओं ने ट्वीट किया. जिसके बाद पूरे देश में हंगामा मच गया. कई लोगों ने इस मसले पर कहा कि विदेशियों को भारत के आंतरिक मामले में नहीं पड़ना चाहिए. इसी मामले में सचिन ने भी ट्वीट किया था और कहा था कि भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता. विदेशी शक्तियां दर्शक तो बन सकती हैं, लेकिन प्रतिभागी नहीं. भारतीय, भारत को जानते हैं और भारत के लिये फैसला लेना चाहिये. एक देश के तौर पर एकजुट रहें.