ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Weather: 15 अगस्त को बिहार के इन जिलों में होगी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'आर्य समाज' को मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने का कोई अधिकार नहीं, जानें क्यों कही ये बात

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'आर्य समाज' को मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने का कोई अधिकार नहीं, जानें क्यों कही ये बात

04-Jun-2022 01:57 PM

DESK : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्य समाज को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं और इसके साथ ही नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की अवकाशकालीन पीठ ने आरोपित के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि लड़की बालिग है और उन्होंने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी और विवाह प्रमाणपत्र रिकार्ड पर है.


पीठ ने कहा आर्य समाज का विवाह प्रमाणपत्र जारी करने का कोई हक नहीं है. यह अधिकारियों का काम है. शिकायतकर्ता लड़की की ओर से अधिवक्ता ऋषि मटोलिया पेश हुए. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने दर्ज कराए गए अपने बयान में आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं. इसके बाद बेंच ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी.


इस मामले में पीठ ने कहा, मैरिज सर्टिफिकेट जारी करना आर्य समाज का काम नहीं है. यह अधिकारियों का काम है. शिकायतकर्ता लड़की की ओर से पेश अधिवक्ता ऋषि मतोलिया ने कहा कि पीडि़ता ने सीआरपीसी की धारा-164 के तहत दर्ज कराए गए अपने बयान में आरोपित के खिलाफ रेप का स्पष्ट आरोप लगाया है. इसके बाद पीठ ने आरोपित की याचिका खारिज कर दी.