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13-Dec-2024 09:54 AM
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है, जो भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि और परिवार में खुशहाली आती है। मार्गशीर्ष माह की पहली त्रयोदशी तिथि आज यानी 13 दिसंबर 2024 को मनाई जा रही है। चूंकि यह शुक्रवार को है, इसे शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
त्रयोदशी तिथि और पूजा का समय
ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 12 दिसंबर 2024 को रात 10:26 बजे शुरू हुई और 13 दिसंबर को शाम 7:40 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर आज शुक्र प्रदोष व्रत रखा गया है। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:26 बजे से 7:40 बजे तक है।
पूजा विधि
सुबह स्नान के बाद घर के मंदिर को स्वच्छ करें और भगवान शिव व मां पार्वती के समक्ष घी का दीपक जलाएं। शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरा, आक के फूल, जल और भांग अर्पित करें। फिर शिव और मां पार्वती की पूजा करें। पूजा के दौरान शिव चालीसा और गौरी चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायक माना गया है।
शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को रखने से जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। व्रती को स्वास्थ्य, धन और वैभव की प्राप्ति होती है। नौकरी और व्यवसाय में सफलता मिलती है, और बच्चों को शिक्षा में उन्नति मिलती है।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि और नियमों को ध्यानपूर्वक अपनाएं और शुभ मुहूर्त में ही पूजा करें। इससे भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।