BIHAR NEWS : पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, कई घायल; BPSC TRE 4 में पोस्ट बढ़ाने कि कर रहे मांग India Nepal Train Service: अनिश्चितकाल के लिए बंद हुई भारत-नेपाल रेल सेवा, हिंसक प्रदर्शन को लेकर रेलवे ने लिया फैसला India Nepal Train Service: अनिश्चितकाल के लिए बंद हुई भारत-नेपाल रेल सेवा, हिंसक प्रदर्शन को लेकर रेलवे ने लिया फैसला Aishwarya Rai Bachchan: ऐश्वर्या राय बच्चन पहुंची कोर्ट, दायर किया याचिका; जान लें... क्या है मामला? Asia Cup 2025: एशिया कप को लेकर ACC का बड़ा फैसला, अब विनर को मिलेंगे इतने पैसे; इस तरह प्लेयर होंगे मालामाल Train Accident At Kiul Junction: टला बड़ा रेल हादसा, तीन डब्बे ट्रैक से उतरे; लखीसराय-किऊल रेलखंड पर आवागमन प्रभावित CM Fellowship Scheme Bihar : मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को मिली मंजूरी, IIM बोधगया में होगी ट्रेनिंग बिहार का वर्ल्ड क्लास हेल्थ सिस्टम देखिए: मेडिकल कॉलेज में परिजन ने हाथ से पकड़ी स्लाइन की बोतल, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल बिहार का वर्ल्ड क्लास हेल्थ सिस्टम देखिए: मेडिकल कॉलेज में परिजन ने हाथ से पकड़ी स्लाइन की बोतल, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल Bihar News: एक बार फिर बिहार आ रहे हैं धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री, 6 दिनों तक यहां करेंगे प्रवास
04-May-2020 10:33 AM
By Jitendra Kumar
BEGUSARAI:राजनीतिक उठापटक के बाद आखिर कोटा में पढ़ रहे बेगूसराय समेत बिहार के अन्य जिलों के बच्चों की घर वापसी शुरू हो गई। कोटा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू होने के बाद, कोटा में मेस बंद होने और बच्चों के पैसे खत्म हो जाने के बीच कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ बच्चों में घर वापसी शुरू हो गयी है। लेकिन घर लौटने वाले बच्चों को रास्ते में खासी फजीहत का सामना करना पड़ा । ज्यादातर बच्चों ने भूखे-प्यासे ही इतना लंबा सफर तय किया। वहीं रेलवे के तमाम दावों की भी पोल खुल गयी।
बेगूसराय समेत, खगड़िया, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, मुंगेर, भागलपुर एवं बांका के छात्र-छात्राओं को लेकर ट्रेन सोमवार की सुबह बरौनी जंक्शन पहुंची। यहां कड़े प्रशासनिक बंदोबस्त के बीच बेगूसराय के सभी बच्चों की प्रखंड स्तर जांच पड़ताल कर उसे 14 दिन के होम क्वारेन्टाइन में भेज दिया गया है। अगले चौदह दिनों तक लगातार स्वास्थ्य निगरानी की जाएगी। इधर बरौनी आए अन्य जिलों के बच्चों को संबंधित जिला के लिए भेज दिया गया है।
सोमवार को अहले सुबह बरौनी जंक्शन पहुंचे मौसम, चांदनी, रश्मि, मुकेश, अमित समेत अन्य छात्र-छात्राओं का कहना है कि बिहार सरकार का इरादा हम बच्चों को वापस लाने का नहीं था। सरकार हमेशा कहती रही कि वहां संपन्न परिवार के बच्चे पढ़ने जाते हैं, इसलिए वहां कुछ नहीं दिक्कत होगी। लेकिन मेस बंद हो जाने, कोरोना संक्रमित मरीज बढ़ने के कारण पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था। तनाव के कारण नींद नहीं आने से डिप्रेशन के शिकार होने लगे थे। बच्चे घर पहुंचे तो उनकी आंखों में आंसू आ गये।
बच्चों का कहना है कि वहां काफी परेशानी हो रही थी। सरकार ने कुछ नहीं किया, सिर्फ कहानी कहती रही। दो महीने से पढ़ाई ठप, कोचिंग वाले भी मनमानी कर रहे थे। रास्ते में कोई व्यवस्था नहीं, दो-दो किलोमीटर समान लेकर पैदल चलना पड़ा। छात्रों का कहना है कि रास्ते में ट्रेन में खाने पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी।यहां बरौनी उतरे तो प्रशासन द्वारा नाश्ता-पानी दिया गया। इधर, अभिभावकों ने बच्चों को अपने पास देखकर राहत की सांस ली है। हालांकि, उनके चेहरे पर खुशी के साथ चिंता भी थी कि परीक्षा की तैयारी कैसे हो सकेगी।
.........