सहरसा में बाइक की डिक्की से चोरी हुए 3 लाख रूपये कटिहार से बरामद, आरोपी फरार आर्केस्ट्रा में नाबालिगों के शोषण के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 21 लड़कियों को कराया मुक्त, 3 आरोपी गिरफ्तार बेगूसराय में बाइक सवार युवकों की दबंगई, 10 रूपये की खातिर पेट्रोल पंप पर की मारपीट और फायरिंग SUPAUL: छातापुर में संतमत सत्संग का 15वां महाधिवेशन संपन्न, VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महर्षि मेही परमहंस को दी श्रद्धांजलि Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Sonia Gandhi Admitted: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ी, इलाज के शिमला के अस्पताल पहुंचीं Bihar News: बिहार महिला आयोग में भी अध्यक्ष-सदस्यों की हुई नियुक्ति, इन नेत्रियों को मिली जगह, जानें... Bihar Crime News: बिहार में पंचायत के दौरान खूनी खेल, गोली मारकर युवक की हत्या; गोलीबारी से दहला इलाका Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा? Bihar News: बिहार को मिली एक और बड़ी उपलब्धि, शिक्षा, शोध और सेवा को नई उड़ान; डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने क्या कहा?
07-Apr-2020 12:27 PM
By Pranay Raj
NALANDA : कोरोना जैसे महामारी को लेकर जहां पूरे देश मे लॉकडाउन लगा हुआ है । वहीं नालन्दा जिले से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आयी है । जो स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख देती है । सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां तो यहां उड़ ही रही हैं और मरीजों का जिन हालात में इलाज किया जा रहा वह बीमारी को निमंत्रण देता ही दिख रहा है।
यह तस्वीर जिले के परबलपुर इलाके की है। जहां एक क्लिनिक में मरीजों का कुछ इस तरह का इलाज किया जा रहा है। यहां मरीजों के बीच न तो सोशल डिस्टेसिंग का ख्याल रखा जा रहा है न ही मरीजों का इलाज में । इस क्लीनिक में मरीज को जो स्लाइन चढ़ाया जा रहा है । वो भी लकड़ी में बोतल को लगा कर वो भी गंदगियों के बीच । इसी से आप सहज अंदाजा लगा सकते मरीजों का यहां इलाज भगवान भरोसे ही होता होगा । हालांकि क्लिनिक के संचालक डॉ ओम प्रकाश आर्या को ये सब कुछ नजर नहीं आता वे नियमों का पालन किए जाने का हवाला दे रहे हैं।
देखिये वीडियो :
सीएम के गृह जिले के जब निजी क्लिनिकों के चिकित्सकों का यह हाल है तो और जिलों के क्लिनिकों का क्या हाल होगा और मरीजों का किस तरह इलाज होता होगा । किसी भी क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन लेने के समय चिकित्सकों की टीम द्वारा पूरे चीजों की जांच के बाद ही रजिस्ट्रेशन दिया जाता है। वहीं समय-समय पर सिविल सर्जन या फिर जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए टीम के द्वारा छापेमारी कर मरीजों की दी जानेवाली सुविधाओं की जांच की जाती है । मगर इस क्लिनिक को देखकर ऐसा लगता है कि जिले के जिम्मेवार पदाधिकारी किस तरह लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे है ।