Chanakya Niti: इन 4 जगहों पर भूलकर भी न खोलें अपना मुंह, वरना टूट सकता है मुसीबतों का पहाड़ Bihar News: तेज रफ्तार पिकअप वैन ने पांच लोगों को रौंदा, एक व्यक्ति की मौत; गुस्साए लोगों ने गाड़ी में लगाई आग Nitin Gadkari: जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा लात...नितिन गडकरी का पुराना बयान अब वायरल Funny Wedding Card Bihar Police : शादी के कार्ड पर लिखा "बिहार पुलिस फिजिकल क्वालिफाइड" सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कार्ड Bihar Crime News: बच्चों के विवाद में व्यक्ति की बेरहमी से हत्या, पड़ोसियों ने ही चाकू से गोद डाला New Income Tax Bill: नया आयकर विधेयक अगले हफ्ते संसद में पेश होगा, आज कैबिनेट की मंजूरी की उम्मीद Labour Day 2025: जानिए क्यों मनाया जाता है 1 मई को मजदूर दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व? Supreme Court: थाने में फरियादी को मिले उचित सम्मान, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला Pakistani Nationals Sent Back: 18 साल भारत में बिताए, फिर भी रियाज को पत्नी-बच्चों को छोड़ पाकिस्तान भेजा गया , जानिए क्यों! India Pakistan border: भारत सरकार के आदेश के बाद पाक वापसी से पहले 69 साल के पाक नागरिक की हार्ट अटैक से मौत
28-Apr-2020 02:00 PM
By Aryan Anand
PATNA: बिहार के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल पीएमसीएच में बड़ा लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां पर इलाज के अभाव में 3 मासूम बच्चों की मौत हो गई है. स्थिति यह हो गई है कि हॉस्पिटल के स्टाफ ने पहले तो बच्चों की जान तक नहीं बचाई. जब उसकी जान चली गई तो वह शव देने के लिए पैसा मांगने लगा.
देखिये वीडियो :
मंत्री मंगल पांडेय ने काट दिया कॉल
बच्चों के परिजनों ने बताया कि इलाज में हो रही लापरवाही को लेकर उनलोगों ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को कॉल किया, लेकिन शिकायत सुनते ही मंत्री साहब ने कॉल को काट दिया. इसके अलावे परिजनों ने मंत्री प्रमोद कुमार को मदद के लिए कॉल किया तो मदद को भरोसा दिया, लेकिन बच्चों की जान चली गई, लेकिन मदद करने के लिए कोई उनका आदमी नहीं पहुंचा. फिर परिजन ने बीजेपी नेता आरके सिन्हा को कॉल किया और बताया कि ब्लड की जरूरत है. उनके पीए से बात हुआ लेकिन मदद मिलने के बदले लॉकडाउन का हवाला देकर पीए ने कॉल काट दिया. सभी ने मदद नहीं की.
सीनियर डॉक्टरों की लापरवाही आई सामने
परिजनों ने बताया कि बच्चों को देखने के लिए डॉक्टर तक नहीं आते हैं. डॉक्टरों को मिलवाने के लिए स्टाफ पैसा मांगते हैं. इलाज सही से नहीं हुआ जिसके कारण बच्चों की मौत हुई. परिजनों का गंभीर आरोप है कि बच्चे जब भर्ती थे तो कोई सीनियर डॉक्टर देखने तक नहीं आया. जब बच्चों की मौत हुई तो कई सीनियर डॉक्टर आए.
सिर्फ बच्चों का इलाज तो कर देते
एक बच्चे के परिजन ने कहा कि हॉस्पिटल में इलाज के दौरान सिर्फ एक दिन दवा मिला. बाकी दवा बाजार से खरीदकर लाना पड़ा. हम बाजार से दवा ला रहे थे, लेकिन इन डॉक्टरों ने बच्चों को जान तक नहीं बचा पाए. तीनों के परिजन बिहार के अलग-अलग जिलों से इलाज कराने के लिए आए थे.
एक बच्चा मर गया तो दूसरे को दिखाने के लिए मांगा पैसा
नालंदा जिले के रहने वाले एक शख्स ने बताया कि उसकी पत्नी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. 26 अप्रैल को हॉस्पिटल को भर्ती कराया था. एक बच्चे की आज मौत हो गई. लेकिन दूसरा बच्चा भर्ती है. उस बच्चे को दिखाने के लिए स्टाफ पैसा मांग रहे हैं.
बच्चे की मां से मांगा पैसा
गोपालगंज की रहने वाली महिला के बच्चे की जब मौत हुई तो उसने एंबुलेंस की मांग की लेकिन उसको एंबुलेंस नहीं मिला और पैसा मांगा गया. महिला ने बच्चे को गंगा किनारे ही अंतिम संस्कार कर दिया. वह घर जाना चाह रही है. लेकिन इसके पास पैसा नहीं है.