BIHAR: बिजली चोरी का विरोध करना छोटे भाई को पड़ा महंगा, बड़े भाई ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा, मायके गई हुई थी पत्नी गिरिडीह में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन, 400 से अधिक लोगों का इलाज 23 दिसंबर को पटना में नितिन नवीन का रोड शो, घर से बाहर निकलने से पहले जान लीजिए रूट चार्ट VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार गोल प्रतिभा खोज परीक्षा 2025: छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और मार्गदर्शन देने का भरोसेमंद मंच बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के गृह जिले का हाल देखिये, टॉर्च की रोशनी में हुआ मरीज का इलाज, वीडियो हो गया वायरल नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा पटना के सचिवालय थाना क्षेत्र में अवैध शराब तस्करी का भंडाफोड़, धंधेबाज भी गिरफ्तार
15-Mar-2022 06:06 PM
DESK: ऑफिस में बैठकर मोबाइल का इस्तेमाल निजी कामों में करने वाले सरकारी कर्मियों की नौकरी अब खतरे में पड़ सकती है। मद्रास हाई कोर्ट ने यह फरमान जारी करते हुए कहा कि सरकारी कर्मियों को कार्यालय समय के दौरान निजी इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
मद्रास हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु सरकार को इस संबंध में नियम बनाने को कहा है साथ ही यह भी कहा कि वह राज्य में सभी सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान निजी इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की इजाजत नहीं दें। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई कर्मी इन नियमों का पालन नहीं करता है तब उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी ने अपने याचिका में कहा था कि कर्मचारियों को ऑफिस के काम के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था। जिसके बाद इन कर्मचारियों को विभाग ने सस्पेंड कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाते हुए मांग की थी कि उनका निलंबन आदेश रद्द कर दिया जाए।
महिला कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई की गयी कहा गया कि इन दिनों यह बात आ हो गयी है। कर्मचारी कार्यालय में निजी काम के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते है जो उचित नहीं है। कम से कम सरकारी कर्मचारियों को इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। ऐसे में कोर्ट ने महिला कर्मचारी को राहत देने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार से इस संबंध में नियम बनाने की बात कही। यह भी कहा कि यदि कोई कर्मचारी इसका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।