Bihar Election 2025 : लालू यादव ने मंत्री बनाने का प्रलोभन देकर नीतीश सरकार गिराने में मांगी थी मदद, तब BJP विधायक ने RJD सुप्रीमों का ऑडियो कर दिया था वायरल; अब पत्ता साफ़ हुआ तो तेजस्वी से मिला लिया हाथ Mirzapur Train Accident: कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ा हादसा, ट्रेन की चपेट में आने से आधा दर्जन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत Mirzapur Train Accident: कार्तिक पूर्णिमा पर बड़ा हादसा, ट्रेन की चपेट में आने से आधा दर्जन श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन बदला रहेगा पटना का ट्रैफिक प्लान, इन रास्तों में जाने पर रोक Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे वोटिंग; जानिए इन सवालों का जवाब Bihar News: नीतीश कुमार को फिर से CM बनाने के लिए मंत्री अशोक चौधरी और JDU महासचिव रंजीत झा पहुंचे बाबा दरबार...रूद्राभिषेक कर मांगा जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: विधानसभा चुनाव में पहली बार वोटिंग करेंगे इतने GEN-Z, चुनावी नतीजे पर क्या पड़ेगा असर? Bihar News: बिहार में बाल सुधार गृह से एक दर्जन बच्चे फरार, गार्ड पर हमला कर दीवार फांदकर भागे; अबतक पांच पकड़े गए Bihar News: बिहार में बाल सुधार गृह से एक दर्जन बच्चे फरार, गार्ड पर हमला कर दीवार फांदकर भागे; अबतक पांच पकड़े गए Mokama Violence : मोकामा के वोटरों की रक्षा करना गुनाह है क्या ? शव यात्रा में एक समाज को टारगेट कर गालियां दी गई, बोले ललन सिंह- भूरा बाल साफ़ करो वाला शासन लाना चाहते हैं तेजस्वी ?
15-Mar-2022 06:06 PM
DESK: ऑफिस में बैठकर मोबाइल का इस्तेमाल निजी कामों में करने वाले सरकारी कर्मियों की नौकरी अब खतरे में पड़ सकती है। मद्रास हाई कोर्ट ने यह फरमान जारी करते हुए कहा कि सरकारी कर्मियों को कार्यालय समय के दौरान निजी इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
मद्रास हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने तमिलनाडु सरकार को इस संबंध में नियम बनाने को कहा है साथ ही यह भी कहा कि वह राज्य में सभी सरकारी कर्मचारियों को कार्यालय समय के दौरान निजी इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने की इजाजत नहीं दें। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई कर्मी इन नियमों का पालन नहीं करता है तब उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी ने अपने याचिका में कहा था कि कर्मचारियों को ऑफिस के काम के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए पाया गया था। जिसके बाद इन कर्मचारियों को विभाग ने सस्पेंड कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट में याचिका लगाते हुए मांग की थी कि उनका निलंबन आदेश रद्द कर दिया जाए।
महिला कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई की गयी कहा गया कि इन दिनों यह बात आ हो गयी है। कर्मचारी कार्यालय में निजी काम के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते है जो उचित नहीं है। कम से कम सरकारी कर्मचारियों को इसकी इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। ऐसे में कोर्ट ने महिला कर्मचारी को राहत देने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार से इस संबंध में नियम बनाने की बात कही। यह भी कहा कि यदि कोई कर्मचारी इसका पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।