ब्रेकिंग न्यूज़

PBKSvsRCB: अंतिम चार ओवर में मात्र एक बाउंड्री, भुवी-हेजलवुड की जोड़ी के सामने नतमस्तक हुए पंजाब के बल्लेबाज Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां हुईं तेज, EC जल्द शुरू करेगा BLA-2 के लिए विशेष प्रशिक्षण शादी में सियासत का तड़का: लालू यादव के गाने पर वरमाला के बाद अचानक झूमने लगा दूल्हा, अपनी शादी को बना लिया यादगार Anupama Yadav: भोजपुरी सिंगर अनुपमा यादव के खिलाफ थाने में केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Anupama Yadav: भोजपुरी सिंगर अनुपमा यादव के खिलाफ थाने में केस दर्ज, जानिए.. क्या है मामला? Bihar News: भूमि विवाद में युवक को कुल्हाड़ी से काटा, इलाके में हड़कंप के बाद कई गिरफ्तारियां Dhanush: धनुष की फिल्म के सेट पर लगी भीषण आग, राख में तब्दील हुआ सब कुछ Bihar News: क्रिकेट टूर्नामेंट में पहुंची समाजसेविका सोनाली सिंह, खिलाड़ियों को किया सम्मानित Bihar News: बिहार के इन 59 उत्पादों को जल्द मिल सकता है GI Tag, लिस्ट में लिट्टी-चोखा से लेकर और भी बहुत कुछ खेत से काम कर लौटी बुजुर्ग तो गायब हो चुका था घर, लोगों ने कहा ‘नुकसान हुआ मगर किस्मत की धनी निकली बुढ़िया’

नालंदा के किसानों को सता रहा पुलिस का डर, अंधेरी रात में तोड़ रहे सब्जियां

नालंदा के किसानों को सता रहा पुलिस का डर, अंधेरी रात में तोड़ रहे सब्जियां

28-Apr-2020 04:51 PM

By Pranay Raj

NALANDA : बिहार के अन्नदाता भयभीत है। सब्जी किसान डर के साये में जी रहे हैं। नालंदा जिले से जो तस्वीर किसानों का दर्द बयां कर रही है। पुलिस के डर से किसान देर रात सब्जियों को तोड़ने के लिए मजबूर हैं।


तस्वीरों में देख कर आपको किसानों की बेबसी झलक आती होगी। पूरे दिन-दुपहरिया छोड़ ये किसान आखिर देर रात सर में टार्च लगाए खेतों में आखिर सब्जियां क्यों तोड़ रहे हैं। तो आपको बता दें कि ये किसान पुलिस के खौफ से बेबस हो दिन का काम रात में निपटा रहे हैं। पिछले दिनों कई किसानों पर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप लगा कर केस कर दिया था। इसके बाद से यहां के सब्जी किसान भयभीत हैं।


देर रात को ये सब्जी किसान अपने-अपने खेतों में पहुंच जाते हैं और जुगाड टेकेनोलॉजी के साथ सब्जियों को तोड़ने में जुट जाते हैं। सब्जी तोड़ने के लिए किसानों ने अनोखा तरीका भी निकाल लिया है। ये सभी किसान सर में टार्च बांध कर उसी की रौशनी में सब्जियां तोड़ अपने लिए रोटी का जुगाड़ करते हैं। सब्जी जुटाते हैं तो फिर अगले दिन बाजार में सब्जियां उपलब्ध हो पाती हैं।


अब सवाल ये उठता है कि सरकार ने किसानों को लॉकडाउन में छूट दे रखी है। वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर खेती का काम कर सकते हैं तो फिर ये भय कैसा। पुलिस-प्रशासन का काम डराना नहीं होता। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना उनका कर्तव्य जरूर है लेकिन किसी को भी बेजां डराना-धमकाना ठीक नहीं। फिर ये किसान तो हमारे अन्नदाता हैं मेहनत कर सब्जियां और अनाज उगा हमें खाने को देते हैं। इस पर प्रशासन के आलाधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है।