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19-Jul-2022 03:57 PM
DESK : संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से बनाए गये समिति को खारिज कर दिया है. किसान संगठन का कहना है कि इस समिति में कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले किसान नेता को शामिल किया गया है. यह कमेटी एमएसपी के मसले पर काम नहीं कर सकती है और हम इसे खारिज करते हैं. सरकार ने कुछ कॉरपोरेट लोगों को भी एमएसपी पैनल का सदस्य बनाया है.
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को ही एमएसपी पर सिफारिशों के लिए एक कमेटी का गठन किया था. इस समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, भारतीय आर्थिक विकास संस्थान के कृषि-अर्थशास्त्री सीएससी शेखर और आईआईएम-अहमदाबाद के सुखपाल सिंह तथा कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के वरिष्ठ सदस्य नवीन पी सिंह शामिल करने की घोषणा की.
किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने सरकार द्वरा गठित समिति को ख़ारिज करते हुए कहा कि आज हमने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की बैठक की. सभी नेताओं ने सरकारी पैनल को खारिज कर दिया है. सरकार ने तथाकथित किसान नेताओं को समिति में शामिल किया है, जिनका दिल्ली की सीमाओं पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हुए हमारे आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था. सरकार ने कॉरपोरेट जगत के कुछ लोगों को भी एमएसपी समिति का सदस्य बनाया है.
बता दें कि पिछले साल नवंबर में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी की किसानों की मांग पर चर्चा करने के लिए एक समिति गठित करने का वादा किया था. कृषि मंत्रालय ने इस संबंध में समिति की घोषणा करते हुए एक राजपत्रित अधिसूचना जारी की.