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मौत के बाद चार कंधे भी नहीं हुआ नसीब, गरीबी और मुफलिसी के चलते पति और बेटे ने उठाया यह कदम

मौत के बाद चार कंधे भी नहीं हुआ नसीब, गरीबी और मुफलिसी के चलते पति और बेटे ने उठाया यह कदम

14-Oct-2023 03:03 PM

By First Bihar

DESK: दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आई है। जहां बीमारी से 26 वर्षीय अनीता देवी की मौत हो गयी थी। गरीबी और मुफलिसी के चलते पति के पास पत्नी का अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। वह परेशान था कि अब पत्नी का अंतिम संस्कार वो कैसे करेगा? जब कोई रास्ता नहीं सुझा तो पति एक बांस कही से ढूंढकर लाया और उसमें एक चादर बांधकर पत्नी की लाश को रखा और बेटे के साथ पैदल अंतिम संस्कार के लिए दारागंज घाट के लिए रवाना हो गये। 


दाह-संस्कार के लिए श्मशान घाट पर अमूमन चार लोग अपने कंधे पर अर्थी रखकर जाते हैं लेकिन लोगों ने जब देखा कि दो लोग एक महिला के शव को श्मशान घाट ले जा रहे है तो इस दृश्य को देखकर वो भी हैरान रह गये। लोगों का दिल भर आया जिसके बाद लोगों ने पति और बेटे को वही रोका और अंतिम संस्कार के लिए चंदा इक्टठा किया। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को ई-रिक्शा से श्मशान घाट भिजवाया। जहां पति और बेटे ने दाह संस्कार किया। 


दिल को दहला देने वाला यह मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के झूंसी इलाके का है। मृतका की पहचान नीबी गांव में निवासी मुसहर नखडू की पत्नी 26 वर्षीया अनीता के रूप में हुई है। जो कई दिनों से बीमार थी। पैसे के अभाव में उसका ठीक से इलाज नहीं हो पाया जिसके कारण उसकी मौत हो गयी। पत्तल बनाकर पति और बेटे ने किसी तरह उसे बचाने की कोशिश की लेकिन उसने दम तोड़ दिया। अनीता की मौत के बाद भी लाचारी और गरीबी ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। 


अनीता के पति नखडू के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि श्मशान घाट तक उसे किसी वाहन से ले जाए। पति और बेटे ने कही से बांस का इंतजाम किया और उसके बीच में एक चादर फंसाकर लाश को रखा और श्मशान घाट की तरफ चल पड़े। महिला को इस दौरान चार कंधे भी नसीब नहीं हुए। पति और बेटे ने कई किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय कर दी। जब लोगों ने दोनों को देखा तो मदद के लिए सामने आए। दोनों को देखकर लोगों की संवेदना जगी और उन्होंने पूछा कि लाश को ऐसे क्यों ले जा रहे हो तब दोनों बाप-बेटे ने अपनी मजबूरी लोगों को बतायी। 


जिसके बाद लोग मदद के लिए सामने आए और दाह संस्कार के लिए चंदा इकट्ठा किया गया और इसकी सूचना पुलिस को दी गयी जिसके बाद पुलिस ने ई-रिक्शा मंगवाया और उसमें शव को रखकर अंतिम संस्कार के लिए दारागंज श्मशान घाट भेजा गया। जहां शव का दाह संस्कार हुआ। इस तरह की तस्वीरें सिस्टम पर तो सवाल खड़े करती ही हैं साथ ही गरीब परिवार की बेबसी और लाचारी को भी दिखाती हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद प्रयागराज के डीएम ने मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाए जाने की बात कही है।