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03-Apr-2020 07:50 PM
SAMASTIPUR : दुनिया भर में नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण-कोविड-19 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक महामारी घोषित कर दिया है. भारत में भी इस संक्रमण को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में लॉक डाउन का एलान कर दिया है. लॉक डाउन की इस गंभीर स्थित में गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को खाने-पीने की काफी दिखात हो रही है. सरकार अपने स्तर से इन लोगों के पास मदद पहुंचाने की कवायद में जुट हुई है. लेकिन दूसरी ओर कई समाजसेवी भी इनकी मदद में तत्परता से जुटे हुए हैं. समस्तीपुर में 'नयी उम्मीद, नया संकल्प' संस्था के निदेशक मोहम्मद रेयाज़ आलम और उनके परिजनों ने एक मिसाल पेश की. उन्होंने 1 लाख 50 हजार की राशि खर्च कर गरीबों के बीच भोजन और राहत सामग्री वितरित किया.

लॉक डाउन में सारी विमान सेवाएं, रेल सेवाएं सहित यात्रा के अन्य साधन बंद हो गए हैं. भी कल कारखानों को भी 21 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. केवल अनिवार्य सेवाओं को छूट दी गई जिनमें पुलिस, डॉक्टर, चिकित्साकर्मी, पत्रकार, सफाईकर्मी जैसे महत्वपूर्ण जन उपयोगी सेवा देने वाले लोगों को इस लॉकडाउन में ड्यूटी के लिए घर से बाहर निकलने की छूट दी गई है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान सुखी संपन्न लोगों को तो कुछ खास दिक्कत नहीं हो रही है. लेकिन रोज़मर्रा का काम करने वाले, मज़दूर, रिक्शा चालक, ठेला चालक या फेरी लगाने वाले जैसे लोगों के सामने एक बड़ी मुश्किल घड़ी आ गई है. दिहाड़ी मजदूरी करने वाले परेशान लोगों के सामने बहुत बड़ी मुश्किल आ खड़ी हुई है.
गरीबों की मदद के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी इन असहाय लोगों को अपने अपने स्तर से खाद्यान्न सहित पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने का काम शुरू किये हैं. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले समाजसेवी मोहम्मद रेयाज़ आलम ने भी इन गरीबों को मदद पहुंचाने की योजना बनाई. ऑल इंडिया प्राइवेट स्कूल एवं चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव मोहम्मद रेयाज़ आलम के द्वारा अपने पैतृक गांव चकनूर और धर्मपुर मोहल्ला में फूड पैकेट का वितरण किया गया.

मोहम्मद रेयाज़ आलम की एक स्वयंसेवी संस्था "नयी उम्मीद नया संकल्प" के बैनर के तहत करीब 100 से अधिक खाद्यान्न पैकेटों का वितरण किया गया. इस भलाई के काम में उनकी संस्था के सदस्यों सहित उनके परिजनों ने भी पूरा सहयोग किया. इस खाद्य सामग्रियों को खरीदने के लिए रेयाज़ आलम ने व्यक्तिगत रूप से 1 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए. राहत सामग्री के वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग पर भी खास ध्यान दिया गया. लोगों से साफ सफाई की अपील की गई और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के कई उपाय भी बताए गए.
" नयी उम्मीद नया संकल्प" के निदेशक मोहम्मद रेयाज़ आलम अकसर ऐसे सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते रहे हैं. चाहे सर्दी के मौसम में कंबल बांटने की बात हो या रमज़ान जैसे पवित्र महीने में रोज़ेदारों को इफ्तार कराने की. इलाके के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए रेयाज़ हमेशा तैयार रहते हैं. इनका कहना है कि अगर उपर वाले ने आपको मदद करने के लायक बनाया है तो मजबूर लोगों की मदद जरुर करनी चाहिए. रेयाज़ आलम देश के लोगों से लॉकडाउन के दौरान घरों में रहने की अपील भी कर रहे हैं और कहते हैं कि लॉकडाउन का अच्छे ढंग से पालन करके ही हमलोग इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं.