ब्रेकिंग न्यूज़

India Banded Places: कौन हैं भारत के वह 6 स्थान, जहां भारतीयों का जाना है पूरी तरह बैन? जानिए.. India Banded Places: कौन हैं भारत के वह 6 स्थान, जहां भारतीयों का जाना है पूरी तरह बैन? जानिए.. Bihar News: बिहार में HIV पॉजिटिव मरीजों के लिए राहत भरी खबर, जल्द खुलेंगे पांच और नए ART सेंटर Bihar News: बिहार में HIV पॉजिटिव मरीजों के लिए राहत भरी खबर, जल्द खुलेंगे पांच और नए ART सेंटर Bihar News: बिहार में निवेश के खुलेंगे नए द्वार, मुंबई में उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल और स्विस इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स की हुई अहम बैठक Bihar News: बिहार में निवेश के खुलेंगे नए द्वार, मुंबई में उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल और स्विस इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स की हुई अहम बैठक Maruti Suzuki Swift CSD Prices: टैक्स फ्री हो गई भारतीयों की यह पसंदीदा कार, हैरान कर देगी बेस मॉडल की कीमत Maruti Suzuki Swift CSD Prices: टैक्स फ्री हो गई भारतीयों की यह पसंदीदा कार, हैरान कर देगी बेस मॉडल की कीमत Bihar News: हिजाब विवाद के बीच डॉक्टर नुसरत ने नहीं की नौकरी ज्वाइन, सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला Bihar News: हिजाब विवाद के बीच डॉक्टर नुसरत ने नहीं की नौकरी ज्वाइन, सरकार ने ले लिया बड़ा फैसला

लालू यादव ने फ्री में चलायी थी ट्रेन नीतीश वसूल रहे पैसा, नैतिकता की सारी मर्यादा भूले : तेजस्वी

लालू यादव ने फ्री में चलायी थी ट्रेन नीतीश वसूल रहे पैसा, नैतिकता की सारी मर्यादा भूले : तेजस्वी

03-May-2020 12:06 PM

PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के बाहर से लाए जा रहे मजदूरों से ट्रेन का किराया वसूले जाने पर नीतीश सरकार की जमकर क्लास ली है। तेजस्वी .यादव ने कहा कि बिहार सरकार नैतिकता और कर्तव्यपरायणता की सारी मर्यादा भूल चुकी है। नीतीश कुमार केवल एक हजार रुपया देने का ढिंढोरा पीट रहे हैं।


तेजस्वी यादव ने कहा कि 2008 में जब कोसी नदी ने अपनी सीमाएं लांघ भयंकर तबाही मचा लाखों लोगों का जीवन प्रभावित किया था। तब तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद जी ने फ़्री में ट्रेन चलाई थी। बिहार के मात्र 4-5 ज़िलों के लिए ही  1000 करोड़ का पैकेज़ दिलाया। रेलवे से बिहार के मुख्यमंत्री राहत कोष में 90 करोड़ दिलाया। स्वयं 1 करोड़ रू दिया। मुख्यमंत्री तब भी नीतीश कुमार जी थे और अब भी।


तेजस्वी ने कहा कि लेकिन अब केंद्र और बेशर्म राज्य सरकार का ग़रीब विरोधी चेहरा देखिए। दोनों जगह डबल इंजन सरकार है लेकिन कोई भी ग़रीब मज़दूरों का किराया वहन करने के लिए तैयार नहीं है। ग़रीब बिहारियों को वापस लाने में शुरू से संसाधनों की कमी का रोना रो रही सरकार अब एक और बहाना खोज रही है। श्रमिकों की दयनीय स्थिति है लोग भुखमरी के शिकार हो रहे है।उन्होनें कहा कि सरकार एक तरफ़ 1000 रुपया देने का ढिंढोरा पीट रही है और दूसरी तरफ़ राज्य सरकार के पास ग़रीबों का किराया देने का पैसा नहीं है। बिहार सरकार नैतिकता और कर्तव्यपरायणता की सारी मर्यादा भूल चुकी है।


बता दें कि पूरे देश में एक साथ कई राज्यों के लिए श्रमिक विशेष ट्रेनें चलीं लेकिन एक विषय पर बहस शुरू हो गई कि टिकट का पैसा कौन देगा? जहां कोटा से चलने वाली ट्रेनों में किसी भी छात्र को पैसा देने की ज़रूरत नहीं पड़ी वहीं दक्षिण के राज्यों ख़ासकर त्रिवेंद्रम में यात्रियों ने शिकायत की कि उनसे पैसा लेकर ही ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दी गई है। इस बीच बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने इस संबंध में साफ़ किया कि ऐसा केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों में है कि यात्रियों को अपने किराये का पैसा देना होगा।