BIHAR: आर्थिक तंगी और ग्रुप लोन के बोझ के चलते महिला ने उठा लिया बड़ा कदम, बेटे और बेटी के साथ गले में लगाया फंदा, मौके पर ही मां-बेटी की मौत BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा देवरिया से सुल्तानगंज जा रहे कांवरियों की गाड़ी को टैंकर ने मारी टक्कर, दो की हालत गंभीर खगड़िया में बड़ा हादसा: नहाने के दौरान चार स्कूली बच्चे गहरे पानी में डूबे, रेस्क्यू जारी छपरा: गंगा में डूबने से 3 की मौत, सावन सोमवारी के दिन कलश विसर्जन के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें
27-Aug-2022 01:16 PM
JHARKHAND : झारखंड की सियासत के लिए आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है। किसी भी वक्त सीएम हेमंत सोरेन की सीएम की कुर्सी जा सकती है। इस सियासी संकट के बीच आज तीसरी बार सीएम हेमंत सोरेन ने आज लगातार दूसरे दिन विधायक दल की बैठक बुलाई है। विधायक दल की इस बैठक में आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों को भी बुलाया गया है।
खबरों के मुताबिक महागठबंधन के विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी है। विधायक अपनी गाड़ी में कपड़ों से भरे हुए बैग लेकर बैठक में पहुंचे हैं। चुनाव आयोग की सिफारिश पर राज्यपाल रमेश बैस कभी भी अपना फैसला दे सकते हैं। ऐसे में सूबे की राजनीति में गहमागहमी का माहौल है। विधायकों को एकजुट रखने और सरकार बचाने की कोशिश लगातार जारी है। इसी कड़ी में आज तीसरी बार यूपीए विधायकों की बैठक सीएम आवास पर बुलाई गई है।
बता दें कि खदान लीज मामले में चुनाव आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की है। भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सुनवाई हुई थी। जिसके बाद आयोग ने राज्यपाल को अपनी राय भेजी है। चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद झारखंड में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। अब सबकी नजर राज्यपाल के फैसले पर टिकी है, अंतिम फैसला राज्यपाल को ही लेना है।