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09-Nov-2022 05:37 PM
PATNA: बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा एक बार फिर से गरमाने लगा है। इसको लेकर बीजेपी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठा दिया है। बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है। सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर नीतीश की सरकार गंभीर नहीं है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बावजूद सरकार ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 1 जून 2021 की सर्वदलीय बैठक के निर्णय और 2 जून को कैबिनेट की मंजूरी के 6 महीने बीतने के बाद भी महागठबंधन सरकार जातीय जनगणना शुरू करने को लेकर गंभीर नहीं है। जातीय जनगणना का काम दो चरणों में होना था, जबकि छह महीने बीतने के बाद अभी मकानों की गिनती और नम्बरिंग का पहला चरण भी शुरू नहीं हो सका है। दूसरे चरण में जातीय और आर्थिक गणना शुरू होनी थी, लेकिन सरकार ने इस पूरे अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। दो चरणों वाली जातीय जनगणना शुरू करने से पहले जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर अधिकारियों का जो प्रशिक्षण होना था, वह भी नहीं हो पाया है।
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के आंकड़े दर्ज करने के लिए जब ऐप और पोर्टल तक अभी विकसित नहीं किये गए हैं, तब सरकार की नीयत पर सवाल उठना लाजमी है। सरकार जातीय जनगणना कराने पर गंभीर नहीं है, इसलिए केवल तारीख पर तारीख दी जा रही है। निकाय चुनाव के नाम पर और जातीय गणना को छह महीना टालने की तैयारी की जा रही है। अगर सरकार गंभीर है, तो जनगणना का काम जल्द शुरू करे और हर स्तर पर सुझाव लेने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाये। ऐसी बैठकें हर महीने होनी चाहिए ताकि काम में तेजी आए।