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05-May-2020 06:55 PM
By DEV KUMAR PANDEY
PATNA : कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार की ओर से तमाम कदम उठाये जा रहे हैं. निजी होटल को प्रशासनिक कब्जे में लेकर उसे क्वारंटाइन सेंटर और आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है. पटना हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर सरकार को जवाब तलब किया गया है.
पटना हाई कोर्ट इस बाबत जवाब तलब किया है कि निजी होटल को तक ओवर कर उसे क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील करना कानूनन कैसे सही है. साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है की टेक ओवर हुए निजी होटल के तमाम फर्नीचर, साजो सामान वगैर की एक फेरहिस्त, एक हफ्ते के अंदर निजी होटल के मालिक या मैनेजर की उपस्थिति में बना कर कोर्ट को सूचित करें. न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने भारत यादव की रिट याचिका को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए मुंगेर के जिला अधिकारी सहित राज्य सरकार के अन्य आला अफसरों की उक्त निर्देश दिए.
याचिकाकर्ता के वकील अंशुल ने वर्चुअल कोर्ट को बताया कि जमालपुर जंक्शन के करीब स्थित होटल व्हाइट हाउस को मुंगेर जिला प्रशासन ने उसे क्वारंटाइन सेंटर बनाने हेतु आनन फानन में टेक ओवर कर लिया. प्रशासन ने उस होटल को कब्जे में लेते वक्त होटल के सभी फर्नीचर व अन्य सामान की कोई फेरहिस्त ( इन्वेंटरी ) बना कर होटल मालिक को नहीं दिया. इससे होटल की संपत्ति असुरक्षित अवस्था में आ गयी है. क्वारंटाइन केंद्र बनने के बाद होटल के तमाम सामान यथावत वापस मिले यह तभी सुनिश्चित हो सकेगा जब होटल के तमाम साजो सामान वगैर की इन्वेंटरी बना कर ज़िला प्रशासन होटल मालिक को सौंप दे. बिना इन्वेंटरी के पूरे होटल को कब्जा कर लेने की कार्यवाही याचिकाकर्ता के सम्पत्ति के अधिकार का हनन है. वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पताल व बन्द पड़े स्कूल कॉलेजों के रहते हुए निजी होटलों को क्वारंटाइन सेंटर वास्ते टेक ओवर करने पर भी एडवोकेट अंशुल ने कानूनी सवाल खड़ा किया.
राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता सर्वेश सिंह ने कोर्ट को बताया कि मुंगेर शहर और जमालपुर कस्बे से ही कई कोरोना संक्रमित मरीज मिले है. निजी होटल को ज़िला प्रशासन ने क्यों और किस परिस्थिति में लिया गया, इस बारे में राज्य सरकार विस्तृत जवाब देगी. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन हफ्ते की मोहलत देते हुए यह भी निर्देश दिया कि होटल के सभी सामान की इन्वेंटरी होटल मालिक और प्रबंधक की मौजूदगी में बनने की भी विस्तृत जानकारी जवाबी हलफनामे में हो. इस मामले की अगली सुनवाई 2 जून को होगी.