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09-Dec-2021 03:43 PM
RANCHI : झारखंड हाइकोर्ट ने सातवीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. बुधवार को सातवीं जेपीएससी की ओर से जारी मॉडल आंसर में गलत जवाब होने का दावा करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जेपीएससी से तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. साथ ही मौखिक रूप से अदालत ने प्रार्थी से कहा कि वह चाहे, तो मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने के बिंदु पर अलग से याचिका दायर कर सकता है.
इस संबंध में शेखर सुमन ने याचिका दायर की है. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह के बाद की तिथि निर्धारित करने को कहा. बुधवार को हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने पीटी रिजल्ट को रद्द करने, मेंस परीक्षा के फार्म भरने और परीक्षा आयोजन पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि प्रारंभिक परीक्षा के B सीरिज के आठ प्रश्नों का मॉडल आंसर गलत है.
जेपीएससी में कुल आठ प्रश्नों के मॉडल उत्तर गलत है, इसलिए प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद्द किया जाए. याचिका में मुख्य परीक्षा के लिए भरे जा रहे फॉर्म पर रोक लगाने की मांग की गई है. प्रार्थी की ओर से पेपर वन के छह और पेपर दो के दो मॉडल उत्तर को गलत बताते हुए संबंधित दस्तावेज भी जेपीएससी को दिया गया. लेकिन जेपीएससी की ओर से संशोधित परिणाम में उक्त उत्तर में सुधार नहीं किया गया. इसलिए परिणाम को रोक लगाने की मांग की गई है. जिसे अदालत ने स्वीकार नहीं किया.