मुंगेर में चुनाव से पहले 1.72 किलो चांदी जब्त, फ्लाइंग स्क्वॉड टीम की बड़ी कार्रवाई मोतिहारी में चिकन पार्टी के बहाने युवक की हत्या, नेपाल से दो आरोपी गिरफ्तार मुंगेर में चुनाव से पहले अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 निर्मित और 8 अर्धनिर्मित पिस्टल के साथ दो गिरफ्तार जमुई में हाई-वोल्टेज ड्रामा: 80 दिन से फरार पति प्रेमिका संग घर लौटा, पहली पत्नी ने थाने में दर्ज करायी शिकायत BIHAR NEWS : रुपए के लेन-देन में महिला के सिर में मारी गोली, शव को सड़क किनारे खेत में फेंका BIHAR NEWS : सुपौल में नदी में नहाते समय किशोरी की दर्दनाक मौत, मातम का माहौल Bihar Assembly Elections : मांझी का सीट हुआ लॉक,फाइनल कर वापस लौट रहे पटना ;जल्द जारी होगा कैंडिडेट का नाम Bihar Politics OTT Series: 'बिहार से हैं क्रोमोसोम में राजनीति हैं ...', जानिए बिहार की पॉलिटिक्स को समझने के लिए क्यों देखना चाहिए यह सीरीज; क्या है खास BIHAR ELECTION : 20 रुपए में एक रसगुल्ला तो पुड़ी-सब्जी के लिए 30 रुपए हुआ तय; चुनाव आयोग ने तय कर रखा है प्रत्याशियों के खर्च की दरें Diwali 2025: दूर कर लें कंफ्यूजन! 20 या 21 अक्टूबर कब है दीपावली? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय
15-Apr-2024 01:13 PM
By First Bihar
PATNA : बिहार में शिक्षा विभाग और राज्यपाल के बीच जारी तकरार के बीच अपर मुख्य सचिव केके पाठक सोमवार को राजभवन नहीं पहुंचे। जबकि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने केके पाठक को तलब करते हुए सोमवार की सुबह 10 बजे उनके चैंबर में उपस्थित होने को कहा था। लेकिन इस चर्चित आईएएस अफसर ने राज्यपाल के बुलावे को भी दरकिनार कर दिया। इससे सियासी गलियारे में चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि अब राज्यपाल उनके खिलाफ आगे क्या कदम उठाते हैं। इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
दरअसल, राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने हाल ही में शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने कहा है कि राजभवन में बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं अन्य पदाधिकारियों की बैठक 9 अप्रैल को बुलाई गई थी। इसमें केके पाठक भी आमंत्रित थे। लेकिन वह बैठक में उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद कुलाधिपति सह राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने इस पर खेद जताया और केके पाठक से अनुपस्थित रहने का कारण जानने के लिए उन्हें अपने चैंबर में सोमवार की सुबह 10 बजे तलब कर लिया। लेकिन एक बार फिर केके पाठक राजभवन नहीं पहुंचे।
मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर सुबह 10 बजे से अपने चैंबर में केके पाठक का इंतजार कर रहे थे। मगर पाठक नहीं पहुंचे। करीब आधा घंटा इंतजार करने के बाद वह अपने चैंबर से अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए निकल गए। राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच विश्वविद्यालयों के मुद्दे पर लंबे समय से टकराव जारी है।
केके पाठक ने विगत फरवरी और मार्च महीने में कई बार यूनिवर्सिटी के वीसी समेत अन्य पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। मगर एक भी बैठक में कोई वीसी शामिल नहीं हुए। राज्यपाल ने उन्हें बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पाठक के विभाग ने कुलपतियों के वेतन और विश्वविद्यालयों के बैंक खातों पर रोक लगा दी थी। इससे विश्वविद्यालयों के कुलपति भी पाठक से खासे नाराज चल रहे हैं।