BIHAR: आर्थिक तंगी और ग्रुप लोन के बोझ के चलते महिला ने उठा लिया बड़ा कदम, बेटे और बेटी के साथ गले में लगाया फंदा, मौके पर ही मां-बेटी की मौत BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा BIHAR: बच्चों से काम करवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर 2 साल की सजा देवरिया से सुल्तानगंज जा रहे कांवरियों की गाड़ी को टैंकर ने मारी टक्कर, दो की हालत गंभीर खगड़िया में बड़ा हादसा: नहाने के दौरान चार स्कूली बच्चे गहरे पानी में डूबे, रेस्क्यू जारी छपरा: गंगा में डूबने से 3 की मौत, सावन सोमवारी के दिन कलश विसर्जन के दौरान हादसा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar News: बिहार में ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत बनी 3968 किमी से अधिक सड़कें, 29 जिलों में शत-प्रतिशत काम पूरा Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें Bihar Politics: उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, बोले- सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतें
18-May-2021 06:23 PM
PATNA : कोरोना ने बिहार के चिकित्सा जगत को सबसे बड़ा झटका दे दिया है. पटना के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात का निधन हो गया है. हैदराबाद के एक अस्पताल में मंगलवार को उनकी मौत हो गयी. कोरोना के संक्रमण के बाद डॉ प्रभात कुमार के लंग्स ने काम करना बंद कर दिया था. उनका इलाज लगातार जारी था लेकिन आज उनकी मौत हो गयी.
डॉ प्रभाता के परिजनों ने उनके निधन की पुष्टि की है. गौरतलब है कि वे लगभग एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हो गये थे. उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. 8 दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी थी. इसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था. हैदराबाद के अस्पताल में इलाज के बाद उनकी तबीयत थोड़ी सुधरी थी. लेकिन लंग्स में इंफेक्शन काफी ज्यादा था. लिहाजा दो-तीन बाद ही तबीयत फिर से बिगड़ने लगी.
पिछले 24 साल से प्रैक्टिस कर रहे डॉ प्रभात ने 1997 में दिल्ली राम मनोहर लोहिया अस्पताल से नौकरी की शुरूआत की थी. कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद वे पटना आ गये थे औऱ यहीं प्रैक्टिस शुरू कर थी. कुछ दिनों में वे पटना के सबसे प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ बन गये. उनसे इलाज के लिए इतनी भीड़ होती थी कि मरीजों को महीनों पहले नंबर लगाना पड़ता था. डॉ प्रभात समाज सेवा के कामों से भी जुड़े थे औऱ गरीबों का मुफ्त इलाज भी करते थे.
बिहार में शुरू की थी एंजियोप्लास्टी
डॉ प्रभात ने बिहार में एंजियोप्लास्टी की शुरूआत की थी. उससे पहले एंजियोप्लास्टी के लिए बिहार के लोगों को दिल्ली या दूसरे बड़े महानगरों में जाना पडता था. डॉ प्रभात ने पटना के हार्ट अस्पताल में इसकी शुरूआत की. बाद में पटना के राजेंद्र नगर में हृदय रोग के अस्पताल मेडिका हार्ट इंस्टीच्यूट को स्थापित करने में भी डॉ प्रभात की बड़ी भूमिका रही.