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12-Mar-2024 08:14 PM
By First Bihar
PATNA: भारत विभाजन की त्रासदी झेलने वाले करोड़ों लोगों के लिए सीएए मोदी का मरहम है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने विपक्ष से पूछा सवाल। कहा कि राजद, कांग्रेस का अल्पसंख्यक प्रेम केवल धर्म-विशेष तक सीमित क्यों? पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना साम्प्रदायिक कैसे ?
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने संसद से पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे पड़ोसी मुस्लिम राष्ट्रों में प्रताड़ित अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लगभग लाखों लोगों को भारत में नए सिरे से सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिलना आसान होगा। यह कानून देश-विभाजन की ऐतिहासिक त्रासदी के घावों पर मोदी का मरहम साबित होगा।
सुशील मोदी ने कहा कि मुस्लिम-बहुल पड़ोसी देशों में लंबी प्रताड़ना और अपमान झेल कर भारत में शरण लेने को विवश लोग अब यहाँ राशन कार्ड बनवा कर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे और मतदाता भी बन सकेंगे। इस मानवतावादी पहल का विरोध क्यों?उन्होंने कहा कि सीएए लागू कर भाजपा ने अपना संकल्प और संविधान निर्माताओं का सपना पूरा किया, जबकि संविधान की दुहाई देने वाले राजद, कांग्रेस और वामदल केवल मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए इस कानून का विरोध कर रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि जिस कानून को 4 साल पहले संसद पारित कर चुकी है, उसके क्रियान्वन को चुनाव से जोड़ कर क्यों देखा जा रहा है? इसमें साम्प्रदायिकता कहाँ है? उन्होंने कहा कि जिन पड़ोसी देशों में मुसलमान बहुसंख्यक हैं और सत्ता धर्मनिरपेक्षता में विश्वास नहीं करती, वहाँ के गैर-मुसलमान अल्पसंखयकों की पीड़ा भारत के विपक्षी दलों को क्यों नहीं दिखती? राहुल गांधी, ममता बनर्जी और लालू प्रसाद का अल्पसंखयक-प्रेम एक धर्म-विशेष तक सीमित क्यों है?
सुशील मोदी ने कहा कि बांग्लादेश में अपना घर-बार छोड़कर पश्चिम बंगाल एवं अन्य राज्यों में शरण लिए मतुआ समुदाय के लाखों पीड़ित हिंदुओं को सीएए लागू कर भारत सरकार ने वर्षों बाद खुल कर होली मनाने का अवसर दिया। इनके सूने जीवन में रंग भरने वाला कानून विपक्ष को काला क्यों लगता है?