ब्रेकिंग न्यूज़

NEET Paper Leak: संजीव मुखिया के साथ DIG का रिश्तेदार भी था शामिल, CBI की जांच में बात आई सामने, कौन है वो... Bihar Vidhansabha Election 2025: "विधायक चुराने वालों को सीमांचल सबक सिखाएगा", पिछली बार से भी अधिक सीटें जीतने के लिए ओवैसी का मास्टरप्लान Jitan Ram Manjhi: जातीय जनगणना पर जीतनराम मांझी का तेजस्वी पर तंज... 30 साल पहले किसका राज था? Wedding jewellery ownership: शादी में मिले गहनों पर किसका हक? हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला Shikhar Dhawan Girlfriend: फिर घोड़ी चढ़ने वाले हैं गब्बर? कौन है उनकी यह आयरिश गर्लफ्रेंड.. जिसके लिए धवन ने खुलेआम किया प्यार का इजहार? IPL 2025: पिछली पारी में शतक के बाद अगली पारी में सिल्वर डक, दीपक चाहर ने कुछ इस तरह वैभव को किया 0 पर चलता Gold wearing rules: सोना पहनने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, वरना हो सकता है नुकसान Kedarnath Dham: केदारनाथ धाम में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, बाबा केदार के कपाट खोलने को लेकर उत्साह; जानें.. कैसे करें घर बैठे दर्शन शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा

बिहार में बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं होगा, केंद्र के प्रस्ताव को नीतीश सरकार ने ठुकराया

बिहार में बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं होगा, केंद्र के प्रस्ताव को नीतीश सरकार ने ठुकराया

01-May-2020 07:51 AM

PATNA : बिहार में बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं होगा। नीतीश सरकार ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि बिहार में बिजली कंपनियों के निजीकरण के पक्ष में वह नहीं है। केंद्र सरकार की तरफ से बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को बयार ने ठुकरा दिया है।


बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि जो प्रावधान राज्यहित में नहीं थे, उस पर बिहार की आपत्ति दर्ज की है। प्राइवेटाइजेशन जैसे विषयों पर हम पहले भी अपनी आपत्ति कर चुके हैं। अब कई मुद्दों पर हमारे बीच सहमित नहीं है। बिजली समवर्ती सूची में है, इसमें केन्द्र और राज्य दोनों की संयुक्त जिम्मेवारी है। ऐसे में राज्य की बात सुनी जानी चाहिए। 


बिहार ने सब लाइसेंसिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। उसका मानना है कि यह प्राइवेटाइजेशन का रास्ता खोलेगा। ऐसे उसने केन्द्र से इस टर्मिनोलॉजी को पूरी तरह परिभाषित करने का भी अनुरोध किया है। उसका कहना है कि आखिर अधिनियम में इसका प्रयोग किस रूप में किया जाएगा? यदि यह पावर सेक्टर में निजी क्षेत्र के लिए द्वार खोलने का रास्ता है तो बिहार इसका समर्थन नहीं कर सकता।


बता दें कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने विद्युत अधिनियम में संशोधन को लेकर ड्राफ्ट प्लान बिहार को भेजा था। इस पर उससे मंतव्य मांगा गया था। बिहार ने केन्द्र के नए विद्युत अधिनियम के कई प्रावधानों का विरोध किया है। काफी मंथन के बाद ऊर्जा विभाग ने पिछले दिनों पत्र को अंतिम रूप दिया था।