MUZAFFARPUR: कांटी में JDU प्रत्याशी पर मारपीट का आरोप, पारू में जन सुराज प्रत्याशी ने महागठबंधन के उम्मीदवार पर गंभीर आरोप लगाये Bihar Assembly Election 2025 : अनंत- सूरजभान और रीतलाल के गढ़ में वोटरों ने जमकर किया मतदान, 5 बजे तक 60 % से अधिक लोग पहुंचे वोटिंग सेन्टर; क्या हैं इसके मायने Bihar Election 2025: वोटिंग खत्म होने के बाद CEC की प्रेस कॉन्फ्रेंस, मिलेगी बिहार चुनाव से जुड़ी अहम जानकारी Bihar Election 2025: बिहार के इस इलाके में 20 साल बाद हुई वोटिंग, नक्सली हमले में 7 जवानों की गई थी जान Bihar Election 2025: बिहार के इस इलाके में 20 साल बाद हुई वोटिंग, नक्सली हमले में 7 जवानों की गई थी जान Bihar Election : योगी आदित्यनाथ ने बगहा में जनसभा को संबोधित, कहा - “लालटेन युग खत्म, अब एलईडी का दौर है” Bihar Election 2025: मात्र एक घंटे बचा मतदान का समय, घर से निकलकर करें मतदान; जानिए कैसा रहा है अबतक का मतदान? Bihar Election 2025: बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक पक्षपात का आरोप, आरजेडी ने बताया चुनाव को प्रभावित करने की साजिश Bihar Election 2025: बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक पक्षपात का आरोप, आरजेडी ने बताया चुनाव को प्रभावित करने की साजिश Bihar News: वोट डालने गई महिला ट्रेन हादसे में घायल, पैर कटने के बाद अस्पताल में इलाज जारी
30-Jul-2022 08:47 AM
PATNA : विश्वविद्यालयों के शेसन लेट चल रहे हैं. छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है. बिहार के स्टूडेंट्स का चयन नौकरियों या अन्य जगहों पर हो जा रहा है लेकिन सत्र के लेटलतीफी के चलते उन्हें अवसरों से हाथ धोना पड़ जा रहा है. इसी बीच सरकार ने विश्वविद्यालयों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. शिक्षा विभाग ने तकरीबन 21 साल बाद विश्वविद्यालयों में नए पदों पर नियुक्ति के लिए सहमति दे दी है.
जानकारी के मुताबिक, राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में 1674 नए पदों की स्वीकृति दी गई है. इन पदों पर अगस्त में नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने की संभावना है. नए पदों में 670 को प्रोन्नति से भरा जाएगा, ताकि रोस्टर क्लियर सुनिश्चित किया जा सके। शेष पदों पर राज्य कर्मचारी चयन आयोग से नियुक्ति हेतु अनुशंसा भेजी जाएगी. जिन नए पदों का सृजन किया गया है, उनमें लिपिक से लेकर प्रयोगशाला सहायक तक के पद शामिल हैं.
बता दें कि इसके पूर्व वर्ष 2001 में शिक्षा विभाग ने लिपिक, सहायक और निम्नवर्गीय कर्मियों के 2308 पदों का सृजन किया था. वित्त विभाग से सहमति मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने राज्य के 22 स्थापित और स्थापना हेतु प्रस्तावित सरकारी महाविद्यालयों के लिए शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के नए पदों को स्वीकृति दी है. संबंधित पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद शिक्षा विभाग को सालाना 3 करोड़ 68 हजार 400 रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा.