पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
18-Feb-2022 06:28 PM
GAYA : काले धन के खिलाफ ED ने कार्रवाई करते हुए गया के एक व्यापारी की संपत्ति जब्त की है। नोटबंदी की घोषणा से पहले और बाद में बैंक खातों में बड़ी रकम जमा करनेवालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई की है। इसके तहत बिहार के व्यवसायी और उनकी पत्नी की 8 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गई है।
गया स्थित बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के बैंक खातों में थर्ड पार्टी खातों का इस्तेमाल कर बड़ी रकम जमा करने की शिकायत मिली थी। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच इसी मामले से जुड़ी थी। जब्त की गई संपत्ति गया स्थित फर्म सर्वोदय ट्रेडर्स के मालिक धीरज जैन और उनकी पत्नी रिंकी जैन और अन्य फर्मों के नाम पर है।
ED का यह मामला उस FIR पर आधारित है जो बिहार पुलिस ने नोटबंदी के दौरान दर्ज कराई थी। जांच के दौरान कथित रूप से पाया गया कि गया के व्यवसायी मोतीलाल ने BOI के अधिकारियों के साथ मिलकर शिकायतकर्ता शशि कुमार, राजेश कुमार और उनके फर्म और रिश्तेदारों के नाम पर बैंक खातों का दुरूपयोग किया था।
ED ने कहा है कि इन बैंक खातों में अवैध रूप 44.80 करोड़ रुपए जमा किए गए थे। इस रकम को खाताधारकों की जानकारी के बिना विभिन्न खातों में ट्रांसफिर किया गया था। मोतीलाल ने व्यापारी धीरज जैन, पवन कुमार जैन और दिल्ली के एक दलाल बिमल जैन के कहने पर जाली दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से पैसों को ट्रांसफर किया था।
भारत सरकार ने काले धन को खत्म करने के लिए 500 और 1000 के पुराने नोटों को बंद कर 500 और 2000 के नए नोट जारी किए थे। इसी दौरान काले धन वाले कई लोगों ने अपने पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए अवैध चैनलों का इस्तेमाल किया था।