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24-Sep-2024 05:14 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में बढ़ती आपराधिक वारदातों के खिलाफ विपक्ष हमलावर है। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं। बिहार में विधि व्यवस्था बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद डीजीपी एक्शन में हैं। आज उन्होंने सभी जिलों के एसपी और थानाध्यक्ष के साथ बैठक पर आवश्यक निर्देश दिये। पुलिस पदाधिकारियों को डीजीपी आलोक राज ने टास्क भी दिये।
पुलिस मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमाम एसपी और थानेदार डीजीपी के साथ मीटिंग में जुड़े। यह उच्चस्तरीय बैठक करीब 3 घंटे तक चली। डीजीपी ने बिहार में बढ़ते आपराधिक घटनाओं पर चिंता जताते हुए जिले के कप्तानों और थानेदार को यह निर्देश दिया कि किसी हाल में अपराध और अपराधियों पर लगाम कसें।
अपराधियों के खिलाफ पुलिस अपनी कार्रवाई तेज करें। उन्होंने थानेदार को आदेश दिया कि पीड़ित व्यक्ति को जल्द से जल्द न्याय मिले इस पर काम कीजिए। इलाके में जो भी क्रिमिनल दिखे उसे सलाखों के पीछे पहुंचाए। अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। डीजीपी ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बीते दिनों नवादा में दलितों की पूरी बस्ती जला देने से लेकर बिहार में ताबड़तोड़ अपराध के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉ एंड आर्डर को लेकर हाईलेवल मीटिंग की थी। लेकिन इस मीटिंग में डीजीपी मौजूद नहीं थे, पुलिस मुख्यालय से कोई एडीजी स्तर का अधिकारी भी नहीं था. लेकिन नीतीश कुमार ने ताबड़तोड़ फरमान जारी कर दिये।
बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए पुलिस और प्रशासन मुस्तैदी से काम करे और अपराध नियंत्रण के लिए सख्ती से काम करें. पुलिस गश्ती को ठीक किया जाये और इसकी लगातार निगरानी होती रहे. रात्रि गश्ती और पैदल गश्ती को ठीक करने के लिए पुलिस के आला अधिकारी खुद क्षेत्र में जाकर औचक निरीक्षण करें.
नीतीश कुमार ने कहा कि आपराधिक मामलों के अनुसंधान में तेजी लाया जाये और इसे समय पर पूरा किया जाये. ताकि अपराध करने वालों पर जल्दी कार्रवाई हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी.
मुख्यमंत्री ने जो दिशा निर्देश दिये वे सब पुलिस महकमे से संबंधित है. लेकिन सीएम की बैठक में पुलिस मुख्यालय का कोई आलाधिकारी शामिल ही नहीं था. बैठक में डीजीपी आलोक राज शामिल नहीं थे. पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के बाद एडीजी(हेडक्वार्टर) अहम पद होता है. एडीजी हेडक्वार्टर भी बैठक में मौजूद नहीं थे. मीटिंग लॉ एंड आर्डर पर थी लेकिन एडीजी लॉ एंड आर्डर भी बैठक में शामिल नहीं थे.
सवाल ये उठता है कि आखिरकार नीतीश कुमार किसे गश्ती करने, उसका औचक निरीक्षण करने, आपराधिक मामलों का अनुसंधान करने का निर्देश दे रहे थे. सीएम की बैठक में पुलिस महकमे की ओर से शामिल होने वालों के नाम दिलचस्प हैं. बैठक में होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी शोभा अहोतकर, होमगार्ड के आईजी सुनील नायक शामिल थे. उनके पास लॉ एंड आर्डर से जुड़ा कोई काम ही नहीं है.
सीएम की बैठक में बिहार के गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रेजेनटेशन दिया था। उन्होंने कहा कि भू-समाधान पोर्टल के माध्यम से भूमि संबंधी मामलों का निरंतर अनुश्रवण कर समाधान किया जा रहा है, जिससे भूमि विवाद में कमी हो रही है. पहले जितनी हत्यायें होती थी, उसमें 60 प्रतिशत हत्यायें भूमि विवाद के कारण होती थी, अब यह घटकर 46.69 प्रतिशत हो गयी है।
हाईलेवल बैठक में मुख्यमंत्री भी खुद की पीठ थपथपाते रहे. सीएम ने कहा कि हमने साल 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है. अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है. बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए निर्धारित 35 प्रतिशत आरक्षित सीटों पर रिक्तियों को जल्द पूरा किया जाये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायत लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है. महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अलग से व्यवस्था की गई है. वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने सभी क्षेत्रों में विकास का कार्य किया है. महिलाओं को शिक्षित करने के साथ-साथ उनको स्वावलंबी बनाने के लिए भी कई कार्य किए गए हैं. महिलाएं शिक्षित भी हुई हैं और स्वावलंबी भी बनी हैं जिससे समाज और परिवार में सकारात्मक बदलाव आया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं, जो अब घट रहा है. जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है, यह अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाली अपराध की घटनाओं में पूरी तरह कमी आये. प्रशासन और पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें.
बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस हाईलेवल बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार और कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, गृह विभाग के सचिव प्रणव कुमार, गृह विभाग की विशेष सचिव के०एस० अनुपम और गृह विभाग के अपर सचिव अनिमेष पांडेय मौजूद थे.