बेतिया में गंडक नदी की तेज धार में बहा चचरी पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राजद और कांग्रेस पर बोला हमला, कहा..आरक्षण विरोधी रहा है दोनों पार्टियों का चरित्र Bihar Ias Officers: बिहार के 12 IAS अफसरों को मिली एक और नई जिम्मेदारी, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: बिहार के 544 CO पर हुआ एक्शन, फिर भी अंचल अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा प्रभाव, मंत्री ने की हाईलेवल मीटिंग बेगूसराय में नदी में डूबने से 4 की मौत, खगड़िया में एक बच्ची की गई जान Bihar News: इन जिलों में अगले 2 दिन भीषण बारिश, IMD ने पहले कर दिया सावधान Bihar News: बिहार की इन 8 महिला समेत 13 अफसरों की लगी ड्यूटी, 19-20 तारीख को करेंगे यह काम पटना फतुहा में टाटा कमर्शियल गाड़ियों के सबसे बड़े शोरूम ‘बुद्धा शक्ति’ का उद्घाटन, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने किया शुभारंभ FASTag Yogna: कार, जीप, वैन मालिकों के लिए बड़ी खबर....3000 रू का पास बनाएं और देशभर में करें यात्रा अब घरों में इन्वर्टर लगाने की नहीं पड़ेगी जरूरत: बिहार के 15 शहरों में लगने जा रही हाई-कैपेसिटी बैटरी इन्वर्टर, पावर कट होते ही 4 घंटे मिलेगी बिजली
13-Mar-2024 11:25 AM
By First Bihar
RANCHI: कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के ठिकानों पर आज दूसरे दिन भी ED की टीम छापेमारी कर रही है। जमीन और खनन से जुड़े मामले को लेकर इडी ने सबसे पहले विधायक के ठिकानों पर 12 मार्च की सुबह छापेमारी की थी। इसके बाद विधायक समेत उनके करीबियों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
बुधवार को भी ईडी की टीम विधायक के आवास पर कागजातों को खंगाल रही है। बड़गांव से कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उन्होंने बीजेपी का ऑफर ठुकराया इसलिए छापेमारी की जा रही है। एनटीपीसी और अडाणी के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से ईडी की कार्रवाई हो रही है।
अंबा ने दावा किया है कि बीजेपी ने उन्हें हजारीबाग और चतरा से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया था। उन्होंने बीजेपी का ऑफर को ठुकरा दिया, इसलिए उनके खिलाफ ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के नेता भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के का दबाव बना रहे थे।
बता दें कि पूरा मामला हजारीबाग के हुरहुरू स्थित खास महल की जमीन से जुड़ा है। उक्त जमीन को लेकर पिछले साल हंगामा भी हुआ था। जमीन का रकबा 50 डिसमिल है। इस जमीन के आधे हिस्से पर चहारदीवारी का निर्माण कराया जा रहा था। जिसका विरोध हुआ था, इसके बाद प्रशासन के हस्तक्षेप पर चहारदीवारी निर्माण बंद करा दिया गया था। प्रशासन ने योगेंद्र साव के साथ लीजधारक को भी नोटिस भेजा था। जमीन की लीज मो. अहसान के नाम से थी, जो 31 मार्च 2008 को खत्म हो गई थी। यह जमीन सरकारी है जिसको लेकर प्रशासन ने जमीन को अतिक्रमणमुक्त करा लिया था।