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28-Apr-2020 06:24 PM
PATNA: ड्यूटी पर तैनात चौकादीर से कान पकड़ कर उठक बैठक कराने और पैरों पर गिरवा कर मांफी मंगवाने वाले कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का मैनेजमेंटआखिकार फेल हो गया. मनोज कुमार के मैनेजमेंट के कारण सरकार ने तीन दिन पहले उन्हें ट्रांसफर कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की थी. लेकिन जब सरकार की जमकर फजीहत हुई तो आज मनोज कुमार को सस्पेंड कर दिया गया.
20 अप्रैल को वीडियो हुआ था वायरल
20 अप्रैल को अररिया के बैरगाछी से वायरल हुए वीडियो ने पूरे देश में खलबली मचा थी. अररिया का जिला कृषि पदाधिकारी सरेआम पुलिस की वर्दी पहने ग्रामीण पुलसिकर्मी से कान पकड़ कर उठक बैठक करा रहा था. चौकादीर को बाध्य किया गया कि वह पैरों पर गिरकर माफी मांगे. चौकीदार गणेश लाल ततमा का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने लॉकडाउन में बिना पास के चल रही कृषि पदाधिकारी की गाड़ी को रोक दिया था.
इस प्रकरण का वीडियोवायरल होने के बाद बिहार सरकार की जमकर फजीहत हुई. बिहार के डीजीपीगुप्तेश्वर पांडेय ने वहां मौजूद पुलिस के एक एएसआई को सस्पेंड कर दिया था. कृषि पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हुई. कहा गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद मामले की जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.
मनोज के मैनेजमेंट ने बिहार सरकार की फजीहत हुई
इस बीच कृषि विभाग ने 25 अप्रैल को नोटिफिकेशन निकाल कर मनोज कुमार को अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी से पटना में उप निदेशक बना दिया. कृषि विभाग के सूत्रों ने बताया कि कृषि पदाधिकारी के मैनेजमेंट ने अपना काम कर दिया था. लिहाजा उसे दिखावे के लिए ट्रांसफर कर मामले को रफा दफा करने की तैयारी कर ली गयी.
फर्स्ट बिहार की खबर से खुली पोल
इस मामले पर सबसे फर्स्ट बिहार झारखंड ने सरकार की पोल खोली. फर्स्ट बिहार झारखंड को खबर मिली कि कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने “प्यार” से अपने मामले को मैनेज कर लिया था. लेकिन जब कृषि पदाधिकारी के खेल की खबर आम हुई तो सरकार की भारी फजीहत हुई. इसके बाद मामला उजागर होने के 8 दिन बाद मनोज कुमार को सस्पेंड करने का एलान किया गया.
सरकार की अधिसूचना से ही खुल रही पोल
सरकार ने आज मनोज कुमार को सस्पेड करने की अधिसूचना जारी की है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि अररिया के डीएम और एसपी की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर मनोज कुमार को सस्पेंड किया गया है. दिलचस्प बात ये है कि डीएम-एसपी की रिपोर्ट कई दिन पहले ही सरकार को मिल चुकी थी. उसके बाद सरकार ने आरोपी कृषि पदाधिकारी का ट्रांसफर कर दिया था. आज उसी रिपोर्ट के आधार पर सस्पेंड करने का फैसला लिया गया.