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19-Dec-2024 04:14 PM
BETTIAH: पश्चिम चंपारण के बेतिया में एक भावुक कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां फेसबुक (Facebook) ने एक परिवार को फिर से एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है। पिपरासी प्रखंड के परसौनी गांव में रहने वाले मनीष गिरी 8 साल की उम्र में घर से नाराज होकर भाग गए थे। 16 साल तक लगातार खोजबीन के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिला था। परिवार वाले उन्हें मृत मान चुके थे।
लेकिन, सोशल मीडिया के इस दौर में, फेसबुक ने एक चमत्कार किया। साल 2008 में घर से फरार हुए मनीष ने फेसबुक पर अपने गांव के मुखिया और बीडीसी को देखा और उन्हें पहचान लिया। उन्होंने उनसे संपर्क किया और अपने परिवार के बारे में जानकारी मांगी। जब उन्हें पता चला कि उनके माता-पिता अभी भी जीवित हैं, तो वे घर लौटने के लिए बेताब हो गए।
मनीष के घर लौटने पर पूरा गांव खुशी से झूम उठा। उनके माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इतने सालों बाद बेटे को जिंदा देखकर उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। मनीष ने गांव वालों को बताया कि घर से भागने के बाद वह ट्रेन से किसी तरह से बंगलौर चला गया था। बचपन में किसी तरह से इधर-उधर घूमकर पेट भरता रहा और बाद में लेबर का काम करने लगा। लेबर का काम करते करते वह बिल्डिंग मिस्त्री बन गया।
मनीष ने बताया कि उसे सिर्फ अपने पंचायत और पिता का नाम याद था। लेकिन उसका घर कहां है इस बात की जानकारी उसे नहीं थी। एक महीने पहले फेसबुक पर अपने पंचायत के मुखिया और बीडीसी को देखा। जिसके बाद उसने सर्च करना शुरू कर दिया। फेसबुक के जरिए पंचायत के जनप्रतिनिधियों का नंबर जुगाड़ किया और उनसे बात की तो उसे पता चला कि उसके पिता जिंदा हैं। इसके बाद आखिरकार किसी तरह से वह अपने गांव पहुंच गया।