Bihar Bhumi: बिहार में जमीन की ई-मापी की निगरानी होगी सख्त, समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अमीनों के कार्य की मांगी रिपोर्ट Bihar Bhumi: बिहार में जमीन की ई-मापी की निगरानी होगी सख्त, समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने अमीनों के कार्य की मांगी रिपोर्ट पूर्व मध्य रेल की बड़ी परियोजना: पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा के बीच बनेगी तीसरी और चौथी रेल लाइन Bihar News: बिहार के लोगों के लिए अब दिल्ली दूर नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी व्यवस्था; तीन राज्यों के बीच हुआ बड़ा करार, जानिए.. Bihar News: बिहार के लोगों के लिए अब दिल्ली दूर नहीं, नीतीश सरकार ने कर दी व्यवस्था; तीन राज्यों के बीच हुआ बड़ा करार, जानिए.. BIHAR: अतिक्रमण हटाओ अभियान के तीसरे दिन बेगूसराय में बवाल, बुलडोजर देखते ही लोग करने लगे पथराव, एक पुलिस कर्मी घायल Patna News: PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, 48 घंटे बाद काम पर वापस लौटे; मरीजों ने ली राहत की सांस Patna News: PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, 48 घंटे बाद काम पर वापस लौटे; मरीजों ने ली राहत की सांस बिहार में अपराधी बेलगाम: दंपति को धक्का देकर बाइक सवार बदमाशों ने लूटा पैसों से भरा थैला Bihar Crime News: बिहार में दिल दहला देने वाली वारदात, नाबालिग प्रेमी जोड़े ने की खुदकुशी, लड़की के घर मिली दोनों की लाश
03-Sep-2020 03:10 PM
RANCHI: कई मांगों को लेकर 200 से अधिक की संख्या में टाना भगत लातेहार के चंदवा में रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है. जिसके कारण ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से ठप हो चुका है. कई ट्रेनें और मालगाड़ी अलग-अलग स्टेशन पर रुकी हुई है.
बस से भेजा गया यात्रियों को
रेलवे ट्रैक जाम होने के कारण नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस रांची नहीं पा पायी. जिसके बाद प्रशासन ने बस से डालटनगंज स्टेशन से यात्रियों को रांची बस भेजा. टाना भगत बुधवार शाम करीब पांच बजे से ही रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं. टाना भगत झारखंड में कोल परियोजना को बंद करने की मांग कर रहे हैं. टाना भगतों का कहना है कि झारखंड का खजाना बाहर भेजा रहा है. यहां के लोग कंगाल हो रहे है और बाहरी लोग मालामाल हो रहे हैं. टाना भगत भूमि पट्टा और टाना पेंशन की मांग कर रहे हैं. आरपीएफ और जीआरपी के जवान अधिकारी समझाने की कोशिश कर रहे है. वह हटने को तैयार नहीं है.
गांधी का सिद्धांतों पर चलते हैं टाना भगत
टाना भगत आज भी गांधी जी के सिद्धांतों पर जीते हैं. खादी के सफेद कपड़े पहनते हैं. मांस-मदिरा की बात छोड़िए यह लहसुन-प्याज तक नहीं खाते हैं. इनके बारे में बताया जाता है कि जो अन्न, सब्जी उपजाते हैं उसको ही खाते हैं. टाना भगत के जतरा टाना भगत 1888 में जन्मे थे. 1920 में टाना भगत समुदाय पहली बार महात्मा गांधी के संपर्क में आया तो उनका अनुयायी बन गया. टाना भगत को धरोहर भी माना जाता है.